सिंगापुर आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है : मंत्री सिम एन
सिंगापुर आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है : मंत्री सिम एन
सिंगापुर, 27 मई (भाषा) सिंगापुर की एक वरिष्ठ मंत्री ने मंगलवार को भारत के एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल से कहा कि उनका देश सभी प्रकार के आतंकी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है और इस खतरे के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।
जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल दक्षिण कोरिया से यहां पहुंचा और सिंगापुर की विदेश एवं गृह राज्य मंत्री सिम एन से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें पहलगाम आतंकी हमले के बाद की घटनाओं, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति से अवगत कराया।
सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग के एक बयान के अनुसार, सिम ने कहा कि सिंगापुर सभी प्रकार के आतंकी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सिंगापुर और भारत करीबी साझेदार हैं तथा वे द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के प्रयास जारी रखेंगे।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर भारत पर कोई आतंकवादी हमला होता है तो देश उसका माकूल जवाब देगा।
इसने कहा, ‘‘भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं करेगा। परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक हमला करेगा। भारत आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली सरकार और आतंकी आकाओं के बीच कोई अंतर नहीं करेगा।’’
भारतीय मिशन ने बयान में कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सिंगापुर से समर्थन करने का अनुरोध किया, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर।
एफएटीएफ, वैश्विक धन शोधन और आतंकवाद को वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था है।
बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने इस बात से अवगत कराया कि पहलगाम में आतंकवादी हमला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और सामान्य स्थिति को बाधित करने का एक प्रयास था।
इसमें कहा गया है कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद, भारत सरकार ने इसे अंजाम देने वालों और साजिश रचने वालों को न्याय के कठघरे में लाए जाने की आवश्यकता समझी। इस हमले के जवाब में भारत ने आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। भारत की प्रतिक्रिया नपी-तुली और जिम्मेदाराना थी।
प्रतिनिधिमंडल ने कानून मंत्री एडविन टोंग से भी मुलाकात की।
बाद में संवाददाता सम्मेलन में, प्रतिनिधिमंडल के सदस्य मोहन कुमार ने कहा कि जापान, दक्षिण कोरिया तथा सिंगापुर का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने इन देशों से कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष किसी भी समय परमाणु टकराव में नहीं बदलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘एक पल भी ऐसा नहीं लगा कि संघर्ष परमाणु हमले तक पहुंच जाएगा।’’ कुमार फ्रांस और बहरीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
संघर्ष में परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल से निवेशकों के चिंतित होने की बात को खारिज करते हुए कुमार ने आर्थिक विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस (संघर्ष) जैसी किसी भी घटना को भारत की प्रगति और 10 हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में बाधक नहीं बनने देंगे।’’
प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर सरकार, शिक्षाविदों, मीडिया और व्यापार जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।
उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हम वरिष्ठ राज्य मंत्री जनिल पुथुचेरी, संसद सदस्यों विक्रम नायर और शक्तिंदी सुपात की उपस्थिति की सराहना करते हैं।’’
प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी के थिंक टैंक, दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान को भी जानकारी दी और भारतीय समुदाय से मुलाकात की, तथा उन्हें आतंकी घटना एवं आतंकवाद पर भारत के दृढ़ रुख से अवगत कराया।
यह प्रतिनिधिमंडल उन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संपर्क साधने और आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के संबंधों को उजागर किए जाने के मकसद से 33 देशों का दौरा करने का दायित्व सौंपा है।
ये प्रतिनिधिमंडल इन देशों को इस बात से अवगत करा रहे हैं कि हालिया (भारत-पाकिस्तान) संघर्ष, पहलगाम आतंकी हमले की वजह से शुरू हुआ था, न कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कारण, जैसा कि पाकिस्तान ने आरोप लगाया है।
भाषा सुभाष अविनाश
अविनाश

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