श्रीलंका की संसद ने दो तिहाई बहुमत के साथ संविधान के 20 वें संशोधन को पारित किया

श्रीलंका की संसद ने दो तिहाई बहुमत के साथ संविधान के 20 वें संशोधन को पारित किया

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  • Publish Date - October 22, 2020 / 05:22 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

कोलंबो, 22 अक्टूबर (भाषा) श्रीलंका की संसद ने बृहस्पतिवार को दो तिहाई बहुमत के साथ संविधान के 20 वें संशोधन को पारित कर दिया । इसके तहत राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के हाथों में सारे अधिकार दे दिए गए हैं और संसद के अधिकार को कमतर किया गया है।

श्रीलंका की 223 सदस्यीय संसद में इस विधेयक के पक्ष में 156 सांसदों ने वोट दिया जबकि 65 सांसदों ने इसका विरोध किया। वोटिंग के समय केवल 213 सदस्य मौजूद थे।

एसेंबली में जबरदस्त बहुमत के साथ राजपक्षे ने स्पष्ट कर दिया कि था वे राष्ट्रपति को और ताकत देने के लिए संविधान में संशोधन करेंगे और संसद की भूमिका को बढ़ाएंगे।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश में असहमति के स्थान को और सीमित किया जा रहा और आशंका है कि संविधान में नए संशोधन से निरंकुशता बढ़ेगी।

विधेयक को चर्चा के लिए संसद में बुधवार को पेश किया गया था जिसके बाद बृहस्पतिवार को इस पर मतदान हुआ। एसेंबली के स्पीकर महिंदा यापा अबेयवर्धना के हस्ताक्षर के बाद संशोधन देश के बुनियादी कानून का हिस्सा बन जाएगा ।

सरकार ने दो सितंबर को 19 वें संशोधन की जगह लेने के लिए 20ए को अधिसूचित किया था । संविधान के 19 वें संशोधन से राष्ट्रपति के अधिकारों को सीमित किया गया था और संसद को मजबूत बनाया गया था ।

संशोधन 20 ए में राष्ट्रपति को पूरी तरह कानूनी छूट प्रदान की गयी है। इसमें राष्ट्रपति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए 19 ए में किए गए प्रावधान को हटा दिया गया है ।

संसद में चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने जोर दिया कि 19 ए सरकार के सुगम कामकाज में बाधक था क्योंकि सत्ता के दो केंद्र बना दिए गए थे ।

भाषा आशीष मनीषा

मनीषा