ढाका, 19 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश के एक प्रमुख युवा नेता का शव शुक्रवार को सिंगापुर से ढाका लाए जाने के बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपने नागरिकों से ‘कुछ असामाजिक तत्वों’ द्वारा की गयी हिंसा से दूर रहने का आह्वान किया ।
युवा नेता शरीफ उस्मान हादी को छह दिन पहले गोली मार दी गयी थी। वह जुलाई में सरकार के विरूद्ध हुए हिंसक प्रदर्शनों में एक प्रमुख चेहरा थे।
पुलिस के अनुसार, हादी का शव सिंगापुर से ढाका पहुंचने के कुछ ही समय बाद, कथित कट्टरपंथी दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने राजधानी में वामपंथी विचारधारा वाली उदिची शिल्पीगोष्ठी के मुख्य कार्यालय में आग लगा दी।
दमकल कर्मियों ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है। उदिची के कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में पुलिस, बीजीबी और सेना के जवान तैनात हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों में बृहस्पतिवार रात हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं जिनमें चट्टगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव भी शामिल है। ये घटनाएं मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस द्वारा टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए हादी की मौत की पुष्टि करने के बाद हुईं।
इंकलाब मंच के प्रवक्ता हादी का शव कड़ी सुरक्षा और व्यापक जन शोक के बीच बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस की उड़ान से स्थानीय समयानुसार शाम लगभग छह बजे हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एचएसआईए) पर लाया गया। यह जानकारी सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने बिमान के महाप्रबंधक (जनसंपर्क) बोशरा इस्लाम के हवाले से दी।
एजेंसी के अनुसार, हादी के शव को हवाई अड्डे से बाहर ले जाते समय सुरक्षा बनाए रखने के लिए बांग्लादेश सेना, सशस्त्र बल बटालियन (एएफबी) और पुलिस के सदस्यों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया था।
बीएसएस ने बताया कि सिंगापुर जनरल अस्पताल में हादी की मौत से राजनीतिक हलकों, इंकलाब मंच के कार्यकर्ताओं और आम जनता में व्यापक शोक की लहर दौड़ गई।
युनूस ने शनिवार को एक दिन की राजकीय शोक की घोषणा की है।
मुख्य सलाहकार की प्रेस शाखा के अनुसार, हादी की जनाजे की नमाज शनिवार को दोपहर दो बजे संसद के साउथ प्लाजा में अदा की जाएगी।
उसमें शामिल होने के इच्छुक लोगों से विशेष अनुरोध किया गया है कि वे अपने साथ कोई बैग या भारी सामान न लाएं।
इंकलाब मंच ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘परिवार की इच्छा के अनुसार, हादी को राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के बगल में दफनाने का फैसला लिया गया है।’’
पार्टी ने यह भी घोषणा की कि शव को सार्वजनिक रूप से देखने की अनुमति नहीं होगी। उसने लोगों से शांति बनाए रखते हुए हादी के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध किया।
बृहस्पतिवार को युनूस की घोषणा के शीघ्र बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख समाचार पत्रों के कार्यालयों पर हमला किया, 32 धानमंडी में तोड़-फोड़ की और राजशाही सिटी में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की भंग हो चुकी पार्टी आवामी लीग के एक कार्यालय को भी ध्वस्त कर दिया।
बांग्लादेश की स्वतंत्रता से पहले, दशकों तक स्वाधीनता के लिए संघर्ष का केंद्र रहे 32 धानमंडी को इस साल पांच फरवरी को बुल्डोजरों से ध्वस्त कर दिया गया था। इससे पहले पांच अगस्त 2024 को उस समय की आवामी लीग सरकार के पतन के बाद मुजीबुर्रहमान के आवास को आग भी लगा दी गई थी।
चट्टगांव में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर बृहस्पतिवार और शुक्रवार देर रात 1:30 बजे पथराव भी किया। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ी एवं लाठीचार्ज किया।
वरिष्ठ अधिकारियों ने सहायक उच्चायुक्त की सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
ढाका में, प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख सांस्कृतिक समूह ‘छाया नाट’ के कार्यालय पर हमला किया और फर्नीचर बाहर निकाल कर आग लगा दी।
देश के अन्य हिस्सों से भी हिंसा की खबरें हैं।
मैमनसिंह में ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसके शव को आग लगा दी गई।
‘बांग्ला ट्रिब्यून’ समाचार पोर्टल के अनुसार मृत व्यक्ति की पहचान दीपू चंद्र दास (25) के रूप में हुई, जो मैमनसिंह शहर में एक कारखाने में काम करते थे।
अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।
बयान में कहा गया, ‘इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया कि सिंगापुर से विमान के ढाका में उतरने के बाद हादी के समर्थक हवाई अड्डे से शाहबाग तक सड़क के दोनों ओर कतार में खड़े थे। उनके पार्थिव शरीर को ढाका विश्वविद्यालय की केंद्रीय मस्जिद में सार्वजनिक सभा के लिए ले जाया जाना था।
पिछले सप्ताह ढाका के बिजोयनगर इलाके में अपना चुनाव प्रचार शुरू करते समय हादी को नकाबपोश बंदूकधारियों ने सिर में गोली मार दी थी। छह दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
बृहस्पतिवार रात को, जुलाई विद्रोह का नेतृत्व करने वाले और हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी)’ के एक बड़े सहयोगी संगठन, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में शोक जुलूस में भाग लिया।
इस समूह के समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाते हुए आरोप लगाया कि हादी के हमलावर हत्या करने के बाद भारत भाग गए। उन्होंने अंतरिम सरकार से अपील की कि जब तक उन्हें वापस नहीं लाया जाता, तब तक भारतीय उच्चायोग को बंद रखा जाए।
एनसीपी के प्रमुख नेता सरजिस आलम ने कहा, ‘‘जब तक भारत हादी भाई के हत्यारों को वापस नहीं कर देता, तब तक अंतरिम सरकार में बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग बंद रहेगा। अभी नहीं तो कभी नहीं। हम युद्ध में हैं!’’
प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने राजधानी के कारवां बाजार में शाहबाग चौराहे के पास स्थित बांग्ला समाचार पत्र ‘प्रोथोम आलो’ के कार्यालय और पास के ‘डेली स्टार’ अखबार के कार्यालयों पर हमला किया।
गंभीर रूप से बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) ने तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की और कहा कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
बृहस्पतिवार को अपने संबोधन में यूनुस ने हादी की क्रूर हत्या में शामिल लोगों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया और कहा, ‘हत्यारों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी नागरिकों से विनम्र निवेदन करता हूं – धैर्य और संयम बनाए रखें।’
भाषा राजकुमार
शफीक
शफीक