‘भारतीयों का यही हश्र होना चाहिए’, मुंबई हमले के बाद तहव्वुर राणा ने हेडली से कही ये बात…जानें

Tahawwur Rana told Headley : तहव्वुर राणा ने मुंबई हमले के बाद हेडली से कहा था: ‘भारतीयों का यही हश्र होना चाहिए’

‘भारतीयों का यही हश्र होना चाहिए’, मुंबई हमले के बाद तहव्वुर राणा ने हेडली से कही ये बात…जानें
Modified Date: April 11, 2025 / 05:11 pm IST
Published Date: April 11, 2025 4:39 pm IST
HIGHLIGHTS
  • हेडली ने शिकागो में राणा से कई बार मुलाकात की
  • मुंबई हमले की साजिश रचने में आतंकवादी संगठन के साथ सीधे संपर्क में था हेडली 

वाशिंगटन/न्यूयॉर्क: Tahawwur Rana told Headley, मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने कथित तौर पर कहा था कि भारतीयों का ‘‘यही हश्र होना चाहिए’’। उसने हमले के दौरान मारे गए लश्कर-ए- तैयबा के नौ आतंकवादियों की सराहना करते हुए उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘‘निशान-ए-हैदर’’ दिये जाने की हिमायत की थी। अमेरिकी न्याय विभाग ने यह जानकारी दी।

अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा को भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित कर दिया। उस पर, 2008 के मुंबई आतंकी हमले में कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोप हैं। इस हमले में छह अमेरिकी सहित 166 लोग मारे गए थे।

न्याय विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और अन्य पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस जघन्य हमले में मारे गए थे।’’ भारत का आरोप है कि राणा ने अपने बचपन के दोस्त (डेविड) हेडली को लश्कर ए तैयबा के संभावित हमला स्थलों की टोह लेने के लिए मुंबई की बेरोकटोक यात्रा करने में मदद की थी।बयान के अनुसार, हमले के बाद, राणा ने हेडली से कथित तौर पर कहा था कि भारतीयों का ‘‘यही हश्र होना चाहिए।’’

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मुंबई हमले की साजिश रचने में आतंकवादी संगठन के साथ सीधे संपर्क में था हेडली

बयान में कहा गया है, ‘‘हेडली के साथ बातचीत में राणा ने हमले में मारे गए लश्कर के नौ आतंकवादियों की कथित तौर पर सराहना करते हुए कहा था कि उन्हें लड़ाई में वीरता पदर्शित करने के लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार– ‘निशान-ए-हैदर’– दिया जाना चाहिए, जो युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों को दिया जाता है।’’ भारत का आरोप है कि हेडली ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों से प्रशिक्षण प्राप्त किया था और वह मुंबई हमले की साजिश रचने में आतंकवादी संगठन के साथ सीधे संपर्क में था।

राणा अपने आव्रजन व्यवसाय की मुंबई शाखा खोलने और हेडली को कार्यालय का प्रबंधक नियुक्त करने के लिए सहमत हुआ, जबकि हेडली के पास आव्रजन संबंधी कामकाज का कोई अनुभव नहीं था। दो अलग-अलग मौकों पर, राणा ने हेडली को वीजा आवेदन तैयार करने और इसे भारतीय अधिकारियों को सौंपने में कथित तौर पर मदद की थी।

हेडली ने शिकागो में राणा से कई बार मुलाकात की

बयान में कहा गया है, ‘‘दो साल से अधिक समय तक हेडली ने शिकागो में राणा से कई बार मुलाकात की और लश्कर-ए-तैयबा की ओर से ली गई टोह संबंधी गतिविधियों, हेडली की गतिविधियों पर लश्कर-ए-तैयबा की प्रतिक्रियाओं और मुंबई हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा की संभावित गतिवधियों के बारे में जानकारी दी थी।’’ वर्ष 2008 में 26 से 29 नवंबर के बीच लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में 12 समन्वित हमलों को अंजाम दिया था।

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बयान के अनुसार, ‘‘ये हमले भारत में हुए सबसे भयानक और विनाशकारी हमलों में से एक थे।’’ अमेरिकी न्याय विभाग के बयान में यह भी कहा गया है कि राणा के खिलाफ भारत की लंबित कार्यवाही पहली कार्यवाही नहीं है, जिसमें उस पर आतंकवाद को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है।

वर्ष 2013 में, राणा को इलिनॉय के उत्तरी जिले में लश्कर-ए-तैयबा को सहायता प्रदान करने और डेनमार्क के कोपेनहेगन में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा प्रायोजित लेकिन नाकाम रहे आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए दोषी करार दिये जाने के बाद 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

बयान के अनुसार, इसी आपराधिक कार्यवाही के तहत हेडली ने 12 संघीय आतंकवाद के आरोपों में दोष स्वीकार किया, जिसमें मुंबई में छह अमेरिकियों की हत्या में सहायता करना और बाद में एक डेनिश अखबार के कार्यालय पर हमले की साजिश रचना शामिल था। उसे 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com