दस साल बाद पूरी हुई तलाश, रोमियो से मिली जूलियट, जानिए क्या है माजरा

दस साल बाद पूरी हुई तलाश, रोमियो से मिली जूलियट, जानिए क्या है माजरा

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  • Publish Date - January 18, 2019 / 10:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

नई दिल्ली। बोलिविया के एक्वेरियम में रह रहे जलीय प्रजाति के मेंढ़क सेहुएनकस का दस साल से चला आ रहा इंतजार खत्म होने जा रहा है। विलुप्त होने की कगार पर खड़े इस जलीय प्रजाति के मेंढ़क को वैज्ञानिकों ने एक दल ने 10 पहले पकड़कर बोलिवियन एक्वेरियम में रखा था और इसे रोमियो नाम दिया था। अब दस साल के इंतजार के बाद रोमियो की मुलाकात इसकी जूलियट से होने जा रही है। रोमियो की देखभाल करने वालों ने कुछ समय पहले मादा सेहुएनकस की तलाश शुरू की थी। वैज्ञानिकों को करीब 1 साल बाद रोमियो के लिए मादा मेंढ़क मिल गई है, जिसे जूलियट नाम दिया गया है। 

एक्वेरियम म्यूजियम की हेड टेरेसा के अनुसार, रोमियो काफी शर्मिला और शांत स्वभाव का है और बहुत ज्यादा दौड़-भाग नहीं करता है। वहीं जूलियट काफी चंचल है। जूलियट लंबी दूरी तक तैरने के साथ-साथ खाना भी ज्यादा खाती है। बोलिविया के पूर्वी इलाकों में सेहुएनकस प्रजाति के मेंढ़क पाए जाते हैं। ये समुद्र स्तर के 2-3 हजार मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं। ये ऐसे जलीय प्रजाति के मेढ़क हैं जो झरने, तालाब और नदियों की तली में पाए जाते हैं। इनकी मेटिंग और लार्वा का विकास पानी में ही होता है।

गौरतलब है कि दुनियाभर में 22 फीसदी उभयचरों की प्रजाति खतरे में हैं। रहने के लिए जगह की कमी, जल प्रदूषण और खेती के कारण पानी में मिलने वाले रसायनों के कारण इनकी संख्या में कमी आ रही हैं। इन सबके अलावा कायट्रियोडियोमायकोसिस का संक्रमण भी इनकी संख्या घटा रहा है। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जो दुनियाभर में उभचयरों के लिए खतरा बनता जा रहा है।

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अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण संघ ने सेहुएनकस मेंढ़क को विलुप्त प्रजाति की सूची में शामिल किया है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए समर्पित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। जिसका लक्षय विश्व की सबसे विकट पर्यावरण और विकास संबंधी चुनौतियों के लिए समाधान खोजना है।