परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच रोम में दूसरे दौर की वार्ता संपन्न हुई |

परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच रोम में दूसरे दौर की वार्ता संपन्न हुई

परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच रोम में दूसरे दौर की वार्ता संपन्न हुई

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Modified Date: April 19, 2025 / 08:58 PM IST
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Published Date: April 19, 2025 8:58 pm IST

रोम, 19 अप्रैल (एपी) ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसकी अमेरिका के साथ दूसरे दौर की वार्ता शनिवार को कई घंटों की बातचीत के बाद समाप्त हो गई। अमेरिका और ईरान के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

रोम के कैमिलुशिया क्षेत्र में ओमानी दूतावास में बंद कमरे में हुई वार्ता कैसी रही, इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

ईरानी सरकारी टेलीविजन द्वारा वार्ता के समापन की घोषणा के बाद अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ को लेकर उनका काफिला रवाना हुआ। कुछ ही मिनटों बाद ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची भी वहां से चले गए।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने वार्ता के तुरंत बाद तेहरान के सरकारी टेलीविजन को बताया कि ईरान अपने देश पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटवाने के लिए गंभीरता के साथ वार्ता का मार्ग जारी रखेगा।

बाघेई ने कहा, ‘‘ईरान तब तक बातचीत जारी रखेगा जब तक कि वार्ता रचनात्मक और उद्देश्यपूर्ण तरीके से चलती रहेगी। ’’

एक अमेरिकी अधिकारी ने भी वार्ता समाप्त होने की पुष्टि की। उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर बंद कमरे में हुई वार्ता के बारे में बताया।

इससे पहले, ईरान के सरकारी मीडिया ने भी बताया कि वार्ता शनिवार पूर्वाह्न में शुरू हुई और इस दौरान बड़ी संख्या में संवाददाता बाहर मौजूद रहे।

यह वार्ता पिछले सप्ताहांत ओमान में आयोजित प्रारंभिक बैठक पर आधारित रही। वार्ता की मध्यस्थता फिर से ओमानी विदेश मंत्री बद्र अल-बुसैदी द्वारा की गयी। ईरानी अधिकारियों ने इसे अप्रत्यक्ष वार्ता बताया जैसी कि पिछले सप्ताहांत में मस्कट में हुई थी।

वर्ष 1979 की इस्लामी क्रांति और अमेरिकी दूतावास के बंधक संकट के बाद से दोनों देशों के बीच दशकों से चली आ रही दुश्मनी को देखते हुए, यह वार्ता एक ऐतिहासिक क्षण थी।

ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2018 में अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से बाहर होने का फैसला लिया था, जिसके परिणामस्वरूप कई वर्षों तक हमलों और वार्ताओं का दौर चला। इस समझौते ने आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में तेहरान के यूरेनियम संवर्धन को काफी हद तक सीमित कर दिया गया था।

ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी या इजराइली सैन्य हमला होने का खतरा है, या ईरान परमाणु हथियार बनाने की अपनी धमकियों पर अमल कर सकता है।

इस बीच, गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध और यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है।

यमन के हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले एक अहम तेल बंदरगाह पर अमेरिकी हवाई हमले में 70 से अधिक लोग मारे गए और 171 अन्य घायल हो गए। रास ईसा बंदरगाह पर रात में अमेरिकी हवाई हमले के बाद टैंकर ट्रक जलते हुए मलबे में तब्दील हो गए।

ट्रंप ने शुक्रवार को कहा, ‘‘ मैं ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के पक्ष में हूं। मैं चाहता हूं कि ईरान महान, समृद्ध और शानदार बने। ’’

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने शनिवार को सोशल प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ईरान ने हमेशा सद्भावना और जिम्मेदारी की भावना के साथ, मुद्दों को हल करने के सभ्य तरीके के रूप में कूटनीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।’’

प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि यह कोई आसान रास्ता नहीं है, लेकिन हम हर कदम सोच समझकर उठाते हैं, और अतीत के अनुभवों पर भी भरोसा करते हैं। ’’

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के सलाहकार अली शमखानी ने वार्ता से पहले ‘एक्स’ पर लिखा कि उनका देश लीबिया की तरह अपने संवर्धन कार्यक्रमा को छोड़ना स्वीकार नहीं करेगा या अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए विदेश में संवर्धित यूरेनियम के इस्तेमाल पर राजी नहीं होगा।

ईरानी सरकारी टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, अराघची ने विटकॉफ के साथ ‘अप्रत्यक्ष’ वार्ता से पहले शनिवार सुबह इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी से मुलाकात की।

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ईरान और दुनिया के कुछ चुनिंदा शक्तिशाली देशों के बीच परमाणु समझौता हुआ था।

एपी रवि कांत रवि कांत वैभव

वैभव

 

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