वाशिंगटन, 23 जून (एपी) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी कांग्रेस से पूरी तरह परामर्श किए बिना ईरान के परमाणु केंद्रों पर सैन्य हमला करने के निर्णय ने देश की संसद में विभाजन और बढ़ाने का जोखिम पैदा कर दिया है।
यह इसलिए भी जोखिम वाला माना जा रहा है क्योंकि व्हाइट हाउस ने डेमोक्रेट सदस्यों को सूचित नहीं किया लेकिन शीर्ष रिपब्लिकन नेताओं को हमले की पहले से ही जानकारी दे दी थी।
प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव) के स्पीकर माइक जॉनसन, सीनेट के रिपब्लिकन नेता जॉन थून और सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के रिपब्लिकन अध्यक्ष को कार्रवाई से पहले जानकारी दी गई थी, लेकिन उनके समकक्षों को सूचित नहीं किया गया।
सीनेट के डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर को हमलों के सार्वजनिक होने से कुछ समय पहले व्हाइट हाउस द्वारा औपचारिक रूप से जानकारी दी गई थी। वहीं, ट्रंप द्वारा हमले की घोषणा किए जाने से पहले प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेटिक नेता हकीम जेफ्रीज के कार्यालय को एक ‘शिष्टाचार कॉल’ किया गया।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि तथाकथित ‘गैंग ऑफ 8’ कांग्रेस और खुफिया नेताओं को मिशन से पहले सूचित नहीं किया गया था।
हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के शीर्ष डेमोक्रेट जिम हिम्स ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर हमलों के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि ‘खुफिया समिति के वरिष्ठ सदस्य के लिए यह एक असहज बात है’।
ट्रंप को इस सप्ताह कांग्रेस में सीनेटर टिम कैन के युद्ध शक्तियों संबंधी प्रस्ताव पर मतदान का सामना करना पड़ेगा। इस प्रस्ताव में ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के खिलाफ अमेरिका के सशस्त्र बलों को हटाने का निर्देश होगा, जिन्हें कांग्रेस द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है।’’
एपी वैभव मनीषा
मनीषा