अंकारा, 29 मई (एपी) तुर्किये के मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने उनके सत्तावादी बदलावों को पलटने की चाहत रखने वाले अपने प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिचडारोग्लू को हराकर पांच साल के एक और कार्यकाल के लिए सत्ता में वापसी की।
एर्दोआन ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के दूसरे निर्णायक दौर में रविवार को 52 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किए। इससे दो सप्ताह पूर्व, पहले दौर के चुनाव में वह जीत के लिए पर्याप्त बहुमत हासिल नहीं कर पाए थे, जिसके बाद दूसरे दौर का चुनाव कराना पड़ा।
दूसरे दौर के चुनाव में तुर्किये के मतदाताओं ने छह दलों के गठबंधन और मध्यमार्गी-वामपंथी मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार केलिचडारोग्लू के मुकाबले एक मजबूत और पहले ही अपनी काबिलियत साबित कर चुके नेता को समर्थन देने का फैसला किया। एर्दोआन लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति के रूप में सेवाएं देंगे।
इस तीसरे कार्यकाल में एर्दोआन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होंगे तथा इस चुनाव के परिणामों का असर देश के बाहर भी महसूस किया जाएगा। तुर्किये यूरोप और एशिया दोनों के लिए अहम है और यह उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एर्दोआन को तीसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अब आसमान छूती महंगाई से निपटना होगा और 50,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले विनाशकारी भूकंप से प्रभावित देश में पुनर्निर्माण करना होगा।
इस्तांबुल और अंकारा में दिए अपने भाषणों में 69 वर्षीय मुस्लिम नेता एर्दोआन ने उन्हें फिर से राष्ट्रपति चुनने के लिए देशवासियों को धन्यवाद दिया। वह 2028 तक सत्ता में रहेंगे।
उन्होंने इस्तांबुल में अपने आवास के बाहर अपने समर्थकों से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम पिछले 21 साल की तरह इस बार भी आपके भरोसे पर खरे उतरेंगे।’’
एर्दोआन मार्च 2003 से अगस्त 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। वह अगस्त 2014 से राष्ट्रपति हैं।
अंकारा में राष्ट्रपति भवन के बाहर एर्दोआन ने कहा, ‘‘आज एकमात्र विजेता तुर्किये है।’’ उन्होंने तुर्किये की दूसरी सदी को ‘‘तुर्किये की सदी’’ करार दिया और इसके लिए कड़ी मेहनत करने का वादा किया। तुर्किये इस साल अपनी शताब्दी वर्ष मना रहा है।
इस बीच केलिचडारोग्लू ने कहा कि यह चुनाव ‘‘अब तक का सबसे अन्यायपूर्ण चुनाव रहा’’ जिसमें सभी सरकारी संसाधन एर्दोआन की मदद में लगाए गए।
उन्होंने अंकारा में कहा, ‘‘हम तब तक संघर्ष जारी रखेंगे, जब तक हमारे देश में असली लोकतंत्र स्थापित नहीं हो जाता।’’
उन्होंने उन्हें अपना वोट देने वाले दो करोड़ 50 लाख से अधिक लोगों को धन्यवाद दिया।
केलिचडारोग्लू ने कहा कि इन लोगों ने ‘‘सभी दबावों के बावजूद एक सत्तावादी सरकार को बदलने की’’ अपनी इच्छाशक्ति दिखाई है।
एर्दोआन की जीत के बाद उनके समर्थकों ने तुर्किये और सत्तारूढ़ दल के झंडे लहराकर, कार के हॉर्न बजाकर और नारेबाजी कर जश्न मनाया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत दुनिया भर के नेताओं ने एर्दोआन को पुन: राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी।
एपी सिम्मी मनीषा
मनीषा
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