Publish Date - March 6, 2025 / 07:16 PM IST,
Updated On - March 6, 2025 / 07:17 PM IST
Two Indians sentenced to death in UAE || Image- IBC24 News File
HIGHLIGHTS
यूएई में दो भारतीयों को फांसी, भारतीय विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि
यूएई की सर्वोच्च अदालत ने फांसी की सजा बरकरार रखी, भारतीय दूतावास ने की मदद
भारतीय नागरिकों को हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया, दया याचिका भी हुई खारिज
Two Indians sentenced to death in UAE: नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दो भारतीय नागरिकों को फांसी की सजा दी गई है। दोनों केरल के निवासी थे और हत्या के मामलों में दोषी पाए गए थे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस घटना की पुष्टि की। मंत्रालय के अनुसार, इन व्यक्तियों की पहचान मोहम्मद रिनाश और मुरलीधरन वलप्पिल के रूप में हुई है।
यूएई की सर्वोच्च अदालत ने दोनों की फांसी की सजा को बरकरार रखा था, जिसके बाद उन्हें फांसी दी गई। मोहम्मद रिनाश को एक अमीराती नागरिक की हत्या का दोषी ठहराया गया था, जबकि मुरलीधरन वलप्पिल को एक भारतीय नागरिक की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था। यूएई सरकार ने 28 फरवरी को भारतीय दूतावास को इस संबंध में सूचित किया था।
Two Indians sentenced to death in UAE: विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय दूतावास ने दोनों आरोपियों को आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान की थी, जिसमें दया याचिका दायर करना भी शामिल था।
Two Indian nationals, Muhammed Rinash Arangilottu and Muraleedharan Perumthatta Valappil, were convicted on murder charges and handed out death sentences in the UAE. The highest court of UAE, the Court of Cassation, upheld the sentences. The Embassy provided all possible consular…
यूएई में किन अपराधों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है?
यूएई में हत्या, देशद्रोह, जासूसी, ड्रग्स की तस्करी, नाबालिग से बलात्कार, गंभीर डकैती, झूठी गवाही देकर किसी को मौत की सजा दिलवाना, आत्महत्या के लिए उकसाना और आतंकवादी संगठनों को सहयोग करने या शामिल होने पर फांसी की सजा का प्रावधान है।
यूएई में हत्या, देशद्रोह, जासूसी, ड्रग्स की तस्करी, नाबालिग से बलात्कार, गंभीर डकैती, झूठी गवाही देकर किसी को मौत की सजा दिलवाना, आत्महत्या के लिए उकसाना और आतंकवादी संगठनों को सहयोग करने या शामिल होने पर फांसी की सजा का प्रावधान है।
हाँ, यूएई में 'ब्लड मनी' का प्रावधान है, जहाँ पीड़ित परिवार आरोपी से हर्जाने के रूप में ब्लड मनी की मांग कर सकता है, जिससे आरोपी मृत्युदंड से बच सकता है।
यूएई में बच्चों की सुरक्षा के लिए कौन सा कानून लागू है?
यूएई में बच्चों की सुरक्षा के लिए 'वदीमा कानून' (Wadeema’s Law) लागू है, जिसे 2016 में बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए लागू किया गया था।
क्या भारतीय दूतावास ने दोषियों को कानूनी सहायता प्रदान की थी?
हाँ, भारतीय दूतावास ने दोनों आरोपियों को आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान की थी, जिसमें दया याचिका दायर करना भी शामिल था।
क्या फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जा सकती है?
हाँ, फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जा सकती है, लेकिन अंतिम निर्णय अदालत के विवेक पर निर्भर करता है।