खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मारे गए दो आतंकवादियों में टीटीपी का वांछित आतंकवादी भी शामिल

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मारे गए दो आतंकवादियों में टीटीपी का वांछित आतंकवादी भी शामिल

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मारे गए दो आतंकवादियों में टीटीपी का वांछित आतंकवादी भी शामिल
Modified Date: April 11, 2025 / 02:36 pm IST
Published Date: April 11, 2025 2:36 pm IST

पेशावर, 11 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में खुफिया जानकारी के आधार पर संचालित एक अभियान के दौरान मारे गए दो आतंकवादियों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का एक सर्वाधिक वांछित आतंकवादी कमांडर भी शामिल है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि उसने टीटीपी लड़ाकों की मौजूदगी के संबंध में खुफिया जानकारी मिलने के बाद बृहस्पतिवार को लोअर दीर ​​जिले में मुख्य तिमरगारा रोड पर मोटरसाइकिल सवार आतंकवादियों को रोकने की कोशिश की और हफीजुल्लाह उर्फ ​​’कोचवान’ सहित दो आतंकवादियों को मार गिराया।

खैबर पख्तूनख्वा आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) के अनुसार, हफीजुल्लाह टीटीपी का सर्वाधिक वांछित आतंकवादी था और वह कई बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल था। सीटीडी के एक अधिकारी ने बताया कि उस पर 50 लाख पाकिस्तानी रुपये का इनाम था।

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अधिकारी ने बताया, ‘‘ हफीजुल्लाह के शव की शिनाख्त हो गई है और दूसरे आतंकवादी की पहचान के प्रयास जारी हैं।’

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और किसी अन्य आतंकवादी की मौजूदगी की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया है।

हफीजुल्लाह प्रशिक्षित आतंकवादी था और उसके पास कंप्यूटर साइंस में डिग्री थी। वह दीर जिले के कोहन गांव का रहने वाला था। वह टीटीपी में शामिल होने से पहले जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़ा था और वहां वह पूर्व टीटीपी प्रमुख मौलाना फजलुल्लाह की कमान में काम करता था। वह टीटीपी के शूरा का सदस्य भी था।

वह मरदान में टीटीपी का छाया गवर्नर भी था और माना जाता है कि उसने 2009 से 2014 के बीच सुरक्षा बलों के खिलाफ कई घातक हमले किए, खासकर निचले दीर और चित्राल के अस्थिर क्षेत्रों में।

हफीजुल्लाह का नाम तब सुर्खियों में आया जब 2010 में एक आत्मघाती हमलावर ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में ‘फ्रंटियर कॉर्प्स दीर स्काउट्स’ का साथ दे रहे अमेरिकी सैनिकों के काफिले को निशाना बनाया था। आत्मघाती बम विस्फोट में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा


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