ब्रिटेन की अदालत ने भारतीय प्रत्यर्पण मामले में वीरकरण अवस्थी को बिना शर्त जमानत पर छोड़ा |

ब्रिटेन की अदालत ने भारतीय प्रत्यर्पण मामले में वीरकरण अवस्थी को बिना शर्त जमानत पर छोड़ा

ब्रिटेन की अदालत ने भारतीय प्रत्यर्पण मामले में वीरकरण अवस्थी को बिना शर्त जमानत पर छोड़ा

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Modified Date: April 24, 2025 / 09:52 PM IST
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Published Date: April 24, 2025 9:52 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 24 अप्रैल (भाषा) लंदन की एक अदालत ने धोखाधड़ी के आरोपों में भारत में वांछित एक व्यवसायी को ब्रिटेन उच्च न्यायालय में अपील लंबित रहने तक बिना शर्त जमानत पर छोड़ दिया।

मुख्य मजिस्ट्रेट पॉल गोल्डस्प्रिंग ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में संक्षिप्त सुनवाई के बाद वीरकरण अवस्थी को रिहा करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान संबंधित पक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुए।

हालांकि उन्होंने अवस्थी के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन वरिष्ठ जिला न्यायाधीश ने कहा कि वह भारत में प्रेस की रुचि को देखते हुए ‘निष्पक्ष और संतुलित’ कवरेज सुनिश्चित करने के लिए खुली अदालत में अपना फैसला सुनाना चाहते थे।

न्यायमूर्ति गोल्डस्प्रिंग ने कहा कि वीरकरण अवस्थी को उच्च न्यायालय में एक मामला लंबित रहने तक औपचारिक रूप से बिना शर्त जमानत पर रिहा किया जाता है और इस मामले का ‘शीघ्र ही निपटारा’ किया जाएगा।

भारतीय अधिकारियों की ओर से पेश हुए बचाव पक्ष के वकील और क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने वीडियोलिंक के माध्यम से ऑनलाइन सुनवाई में भाग लिया।

दिल्ली से आई कुछ खबरों में दावा किया गया था कि सीपीएस ने भारत सरकार से इस बारे में अतिरिक्त आश्वासन मांगा था कि प्रत्यर्पण मामलों में “वांछित व्यक्तियों” को भारत में उनके मुकदमों के लंबित रहने तक कहां हिरासत में रखा जाएगा। इसके बाद ब्रिटेन के अधिकारियों ने इस मामले पर किसी भी आधिकारिक प्रतिक्रिया से खुद को दूर कर लिया।

सीपीएस के प्रवक्ता ने कहा, ‘प्रत्यर्पण मामलों में सीपीएस की भूमिका इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों में कार्यवाही के दौरान अनुरोध करने वाले देशों का प्रतिनिधित्व करने की है।’

उन्होंने इस दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि मानवाधिकार संबंधी चिंताओं के कारण दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुनवाई से पूर्व हिरासत के खिलाफ भारत से विशिष्ट आश्वासन मांगा गया था।

अवस्थी मामला कई वर्ष पुराना है और माना जाता है कि इसमें धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोप शामिल हैं। यह ब्रिटेन की अदालतों में खारिज हुआ प्रत्यर्पण का नया मामला है। इससे पहले महीने की शुरुआत में दिल्ली में कथित कर चोरी और धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहे संजय भंडारी को बरी कर दिया गया था।

भाषा नोमान अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)