अमेरिका ने ईरानी उर्जा व्यापार को निशाना बनाकर आठ भारतीय नागरिकों और कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया
अमेरिका ने ईरानी उर्जा व्यापार को निशाना बनाकर आठ भारतीय नागरिकों और कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया
वाशिंगटन, 11 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका ने ईरानी ऊर्जा व्यापार में मदद करने के आरोप में 50 से अधिक संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें आठ भारतीय नागरिक और भारत स्थित कई कंपनियां शामिल हैं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ईरानी शासन की ‘दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों’ को अंजाम देने के लिए उपयोग किए जा रहे धन को रोकने के लिए लगभग 40 संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।
इसके साथ ही अमेरिकी वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने ईरानी पेट्रोलियम और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) का वैश्विक बाजारों में निर्यात करने में शामिल 50 से अधिक संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
इन दोनों विभागों द्वारा जारी की गई सूचियों में आठ भारतीय नागरिकों के नाम शामिल हैं। इन्हें अमेरिका की “स्पेशयली डेजिग्नेटेड नेशनल्स (एसडीएन) एंड ब्लॉक्ड पर्सन” सूची में शामिल किया गया है। इस सूची में शामिल लोग और कंपनियां अमेरिकी नागरिकों के साथ व्यापार नहीं कर सकते और उनके अमेरिका में प्रवेश पर भी प्रतिबंध होता है।
प्रतिबंधित लोगों में नीति उमेश भट्ट का नाम है, जिनकी भारत में स्थित कंपनी इंडिसोल मार्केटिंग प्राइवेड लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। पेट्रोकेमिकल का कारोबार करने वाली यह कंपनी जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच एक प्रतिबंधित अमेरिकी कंपनी से लगभग 7.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात कर चुकी है।
पीयूष मगनलाल जाविया और उनकी कंपनी केमोविक प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने 2024 से 2025 के बीच एक प्रतिबंधित अमेरिकी कंपनी से 70 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया।
कमला कनयलाल कसाट, कुनाल कनयलाल कसाट और पूनम कुनाल कसाट का नाम भी सूची में है। उनकी कंपनी हरेश पेट्रोकैम प्राइवेट लिमिटेड ने जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया। इन तीनों व्यक्तियों और उनकी कंपनी पर प्रतिबंध लगाया गया है।
मार्शल आइलैंड में स्थित बर्था शिपिंग इंक के मालिक वरुण पुला पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह कंपनी कॉमरोस के ध्वज वाले जहाज पामिर को संचालित करती है, जिसने जुलाई 2024 से लगभग 40 लाख बैरल ईरानी एलपीजी की चीन तक ढुलाई की।
ईवी लाइंस इंक के मालिक एवं एक अन्य भारतीय नागरिक इयप्पन राजा भी इस सूची में शामिल हैं। उनकी कंपनी पनामा-ध्वज वाले जहाज सैफियर गैस को संचालित करती है। इस जहाज ने अप्रैल 2025 से चीन तक 10 लाख बैरल से अधिक ईरानी एलपीजी की ढुलाई की। कंपनी को भी प्रतिबंधित सूची में डाला गया है।
वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मालिक सोनिया श्रेष्ठा और उनकी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह कंपनी नेप्टा नामक कॉमरोस-ध्वज वाले जहाज का संचालन करती है, जिसने जनवरी 2025 से पाकिस्तान को ईरानी एलपीजी की ढुलाई की। सूची में शामिल अन्य भारत-आधारित संस्थाओं में बी के सेल्स कॉर्पोरेशन, सी.जे. शाह एंड कंपनी, मोडी केम, पारीकेम रिसोर्सेज एलएलपी और शिव टेक्सकेम लिमिटेड शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “इन संस्थाओं ने सामूहिक रूप से अरबों डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में मदद की है, जिससे ईरानी शासन को आतंकवादी समूहों का समर्थन करने के लिए जरूरी पैसा मिला। यह अमेरिका के लिए खतरा हैं।”
भाषा जोहेब सिम्मी
सिम्मी

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