नाटो के ऐतिहासिक सम्मेलन के लिए जुट रहे हैं वैश्विक नेता, दिशा होगी तय
नाटो के ऐतिहासिक सम्मेलन के लिए जुट रहे हैं वैश्विक नेता, दिशा होगी तय
द हेग (नीदरलैंड), 24 जून (एपी) विश्व का सबसे बड़ा सैन्य गठबंधन ‘उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन’ (नाटो) के नेता मंगलवार को शुरू हो रहे दो दिवसीय ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए नीदरलैंड के द हेग में जुट रहे हैं। इस सम्मेलन में तय होगा कि संगठन के 32 सदस्य रक्षा व्यय को अपने-अपने देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)का पांच प्रतिशत करने पर सहमत होते हैं या इस मुद्दे पर उनके बीच की दरार और चौड़ी होती है।
सहयोगी देशों द्वारा अपनी जीडीपी का पांच प्रतिशत रक्षा पर व्यय करने के लक्ष्य का समर्थन करने की संभावना है, ताकि बाहरी हमलों से बचाव के लिए गठबंधन की योजनाओं को पूरा किया जा सके। फिर भी, स्पेन ने कहा है कि वह ऐसा नहीं कर सकता, और यह लक्ष्य ‘अनुचित’ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका को ऐसा करने की जरूरत नहीं है।
स्लोवाकिया ने कहा कि वह यह निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित रखता है कि नाटो की नई 2035 समय-सीमा तक पांच प्रतिशत के लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जाए।
नाटो महासचिव मार्क रूटे ने हेग में शिखर सम्मेलन से पहले कहा, ‘‘बर्लिन की दीवार गिरने के बाद हम खुशहाल दुनिया में नहीं रह रहे हैं। हम बहुत ज्यादा खतरनाक समय में रह रहे हैं और ऐसे दुश्मन और विरोधी हैं जो हम पर हमला करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपनी सुंदर जीवन शैली, प्रणालियों और अपने मूल्यों की रक्षा करें।’’
नाटो के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन से पहले ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने जीडीपी का पांच प्रतिशत रक्षा पर व्यय करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है। मेजबान देश नीदरलैंड ने भी इसी तरह का संकेत दिया है। यूक्रेन, रूस और उसके सहयोगी बेलारूस की सीमाओं के करीब स्थित देशों ने पहले ही ऐसा करने का वादा किया था।
ट्रंप ने शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिका से रवाना होते समय कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह सफल होगा। हम देखेंगे।’’
अमेरिका के शासनाध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहली बार नाटो शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और उम्मीद की जा रही थी कि चर्चा का मुख्य मुद्दा यह होगा कि अमेरिका कैसे सुरक्षा गठबंधन में अन्य देशों से ऐतिहासिक सैन्य खर्च बढ़ाने पर सहमति प्राप्त करता है।
लेकिन अब चर्चा का विषय ईरान में तीन परमाणु संवर्धन सुविधाओं पर हमला करने का ट्रंप का निर्णय है, जिसके बारे में उनके प्रशासन का कहना है कि इससे तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं नष्ट हो गई हैं। साथ ही चर्चा के केंद्र में राष्ट्रपति ट्रंप की अचानक की गई घोषणा हो सकती है कि इजराइल और ईरान ‘पूर्ण और समग्र युद्धविराम’ पर पहुंच गए हैं।
पिछले नाटो शिखर सम्मेलनों में चर्चा के केंद्र में पूरी तरह से यूक्रेन का युद्ध रहा था, जो अब अपने चौथे वर्ष में है। नाटो महासचिव मार्क रूटे ने जोर देकर कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय बना हुआ और संगठन एक साथ कई मामलों से निपट सकता है।
रूटे ने कहा, ‘‘अगर हम पश्चिम एशिया, जो बहुत बड़ा है और सुर्खियों में है और यूक्रेन से एक साथ निपटने में सक्षम नहीं होंगे, तो हमें राजनीति और सैन्य सेवा में बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। अगर आप एक समय में केवल एक ही मुद्दे से निपट सकते हैं, तो वह वही होगा। फिर दूसरे लोगों को आगे बढ़ने दें।’’
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सैन्य खर्च बढ़ाने के लिए समझौते को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से नेताओं की चर्चाओं से अनुपस्थित रहने के बावजूद कई बैठकों के लिए हेग पहुंचे।
इस बार का सम्मेलन पिछले वर्ष वाशिंगटन में हुए शिखर सम्मेलन से बहुत अलग है, क्योंकि उस वक्त सैन्य गठबंधन के महत्वपूर्ण वक्तव्य में यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा सहायता प्रदान करने की शपथ, तथा नाटो सदस्यता के लिए ‘‘उसके अपरिवर्तनीय मार्ग’’ पर उसे (यूक्रेन को) समर्थन करने की प्रतिबद्धता शामिल थी। जेलेंस्की का द हेग में पहला आधिकारिक कार्यक्रम शिखर सम्मेलन स्थल के ठीक सामने स्थित नीदरलैंड के प्रधानमंत्री आवास पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री डिक स्कोफ से मुलाकात था।
बाद में रूटे और शीर्ष यूरोपीय संघ के अधिकारियों के साथ बैठक में, जेलेंस्की ने यूक्रेन के रक्षा उद्योग में यूरोपीय निवेश की अपील की, जो यूरोप में कहीं भी हथियारों और गोला-बारूद का उत्पादन अधिक तेजी से और सस्ते में कर सकता है।
एपी धीरज माधव
माधव

Facebook



