विश्व को इस तरह के आतंकवाद की सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए: संरा |

विश्व को इस तरह के आतंकवाद की सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए: संरा

विश्व को इस तरह के आतंकवाद की सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए: संरा

Edited By :  
Modified Date: April 25, 2025 / 10:33 AM IST
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Published Date: April 25, 2025 10:33 am IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 25 अप्रैल (भाषा) संयुक्त राष्ट्र और भारत के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है, जिसे किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति पर ‘बहुत बारीकी से और बहुत चिंता के साथ’ नजर रख रहे हैं। उनके प्रवक्ता ने बताया कि वह दोनों सरकारों से अधिकतम संयम बरतने और यह सुनिश्चित करने की अपील करते हैं कि स्थिति और न बिगड़े।

महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बृहस्पतिवार को दैनिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हम जम्मू कश्मीर में दो दिन पहले 22 तारीख को हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं।’’

दुजारिक इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या गुतारेस ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान की सरकारों से कोई संपर्क किया है।

उन्होंने कहा कि गुतारेस ने कोई सीधा संपर्क नहीं किया है, ‘‘लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि वह स्पष्ट रूप से स्थिति पर बहुत बारीकी से और बहुत चिंता के साथ नज़र रख रहे हैं।’’

महासचिव ने भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों से अपील की है कि वे संयम बरतें और यह सुनिश्चित करें कि स्थिति न बिगड़े।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने बृहस्पतिवार को ‘एम्पॉवरिंग द डिजिटल सिटीजन ऑफ द फ्यूचर: टुवर्ड्स एन इंटीग्रेटेड डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई)’ शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम की मेजबानी की, जहां संयुक्त राष्ट्र के दूतों और नेताओं ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करते हुए अपने वक्तव्य की शुरुआत की।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें एक नेपाली नागरिक शामिल था। मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने कहा, ‘‘सबसे पहले, मैं जम्मू कश्मीर में हाल ही में हुए हमलों के पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं।’’

वाणिज्य एवं उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, ‘‘आज की शुरुआत करने से पहले मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं भारत के कश्मीर में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिजनों के साथ हैं।’’

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. ​​हरीश ने कहा कि भारत, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले में हुई जानमाल की हानि पर शोक व्यक्त करता है।

प्रौद्योगिकियों संबंधी मामलों पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत अमनदीप सिंह गिल ने अपने संबोधन की शुरुआत पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों और भारत सरकार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए की।

इस हमले के बाद भारत ने ‘आतंकवादी हमले की सीमा-पार से कड़ियों’ को उजागर किया और इसके जवाब में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को ‘तत्काल प्रभाव से स्थगित’ करने समेत कई अन्य निर्णय लिए, ये निर्णय उस समय तक के लिए हैं जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के अपने समर्थन को बंद नहीं कर देता।

भारत ने अटारी में एकीकृत जांच चौकी को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है और नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत हर आतंकवादी, उसके आकाओं और उसके समर्थकों की पहचान करेगा और उन्हें दंडित करेगा।

भाषा यासिर वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)