यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक और जहाज पर किया हमला, तीन की मौत

यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक और जहाज पर किया हमला, तीन की मौत

यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक और जहाज पर किया हमला, तीन की मौत
Modified Date: July 8, 2025 / 10:12 pm IST
Published Date: July 8, 2025 10:12 pm IST

दुबई, आठ जुलाई (एपी) लाल सागर में लाइबेरियाई ध्वज वाले एक मालवाहक जहाज पर यमन के हूती विद्रोहियों के हमले में तीन नाविकों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। यह जानकारी यूरोपीय संघ के एक नौसैनिक बल ने मंगलवार को दी।

यूनान के स्वामित्व वाले ‘इटरनिटी सी’ पर हमला हूतियों द्वारा सोमवार को लाल सागर में एक अन्य जहाज पर हमला किये जाने और उसे डुबोने के दावे के बाद हुआ है, जो एक महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्ग है। ये दोनों हमले नवंबर 2024 के बाद से नौवहन पर हूतियों द्वारा किए गए पहले हमले हैं। यह संभावित रूप से इस जलमार्ग को निशाना बनाने के एक नये अभियान का शुरुआती संकेत है, जिससे हाल के हफ्तों में अधिक जहाजों का गुजरना शुरू हो गया था।

सोमवार रात को जब यह जहाज़ उत्तर दिशा में स्वेज नहर की ओर बढ़ रहा था, तभी छोटी नावों में सवार लोगों और बम से लैस ड्रोन से उस पर हमला किया गया। जहाज पर मौजूद सुरक्षा गार्ड ने भी अपने हथियारों से जवाबी हमला किया। यूरोपीय संघ के ऑपरेशन एस्पाइड्स और निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे ने इन विवरणों की जानकारी दी।

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हालांकि हूतियों ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यमन की निर्वासित सरकार और यूरोपीय संघ के बल ने हमले के लिए विद्रोहियों को दोषी ठहराया है।

यूरोपीय संघ के बल ने हताहतों की जानकारी देते हुए कहा कि हमले में घायल चालक दल के एक सदस्य को अपना पैर गंवाना पड़ा है। चालक दल के सदस्य जहाज पर ही फंसे हुए हैं, जो अब लाल सागर में बिना नियंत्रण के बह रहा है।

हूतियों ने रविवार को लाइबेरियाई ध्वज वाले, यूनान स्वामित्व वाले बल्क कैरियर ‘मैजिक सीज’ पर ड्रोन, मिसाइल, रॉकेट-चालित ग्रेनेड और छोटे हथियारों से हमला किया था। इस हमले की वजह से इसके चालक दल के 22 सदस्यों को जहाज़ छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। विद्रोहियों ने बाद में कहा कि यह जहाज़ लाल सागर में डूब गया।

दोनों हमलों और सोमवार को विद्रोहियों को निशाना बनाकर किए गए इजराइली हवाई हमले की वजह से जहाजों को हूती विद्रोहियों द्वारा निशाना बनाने का अभियान फिर से शुरू होने की आशंका उत्पन्न हो गई है। इससे अमेरिकी और पश्चिमी देशों की सेनाएं फिर से क्षेत्र में आ सकती हैं। खासकर तब जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक बड़े हवाई हमले में विद्रोहियों को निशाना बनाया है।

यह हमला ऐसे समय हुआ है, जब इजराइल-हमास युद्ध, ईरान-इजराइल युद्ध और ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिका के हवाई हमलों के बाद पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है।

एपी अमित माधव

माधव


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