UGC new education policy 2022: यूजीसी ने जारी की नई गाइडलाइन, अब एकसाथ दो कोर्स कर सकेंगे स्टूडेंट्स, कोर्स छोड़ने के बाद फिर पढ़ने की छूट
स्टूडेंट्स के पास मल्टीपल एंट्री-एक्जिट यानी कई बार कोर्स में प्रवेश करने, छोड़ने और फिर से उसी कोर्स की पढ़ाई करने की आजादी होगी
UGC new education policy 2022
UGC new education policy 2022: नईदिल्ली। यूजीसी ने शुक्रवार को नई गाइडलाइन जारी की है। नए नियमों के मुताबिक देश के हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट में सभी कोर्स किए जा सकेंगे। साथ ही सिंगल डोमेन के इंस्टीट्यूट जैसे मैनेजमेंट, एजुकेशन, लॉ, इंजीनियरिंग के संस्थान मिलकर डिग्री दे सकेंगे। स्टूडेंट्स के पास मल्टीपल एंट्री-एक्जिट यानी कई बार कोर्स में प्रवेश करने, छोड़ने और फिर से उसी कोर्स की पढ़ाई करने की आजादी होगी
अब छात्र मल्टीपल मोड यानी क्लासरूम फेस-टू-फेस पढ़ाई के साथ ही डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन से कोर्स पूरा कर सकेंगे। इतना ही नहीं डुअल कोर्स भी कर सकेंगे, यानी दो मान्य कोर्स एक साथ कर सकेंगे। हर संस्थान में छात्रों को ओरिएंटेशन व काउंसलिंग की व्यवस्था होगी। यूजीसी ने गाइडलाइन में सभी राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों से नई व्यवस्था को लागू करने के लिए अपने नियम और नीतियां बनाने के लिए निर्देशित किया है। संस्थान चाहें तो वे सत्र 2022-23 से ही इसे लागू कर सकेंगे।
पढ़ाई तीनों मोड में होगी
छात्र कॉलेज जा सकता है तो फेस-टू-फेस क्लासरूम में पढ़ाई कर सकता है। कॉलेज नहीं जा सकता तो ऑनलाइन कोर्स कर सकता है या डिस्टेंस लर्निंग चुन सकता है। छात्र को अलग-अलग सेमेस्टर में तीनों मोड में किसी एक मोड को चुनने की सुविधा भी मिलेगी।
गाइडलाइन में ये भी हैं प्रावधान
UGC new education policy 2022: नई गाइडलाइन के मुताबिक
-किसी एक प्रबंधन के अधीन संस्थान व संस्थान समूह में भाषा, साहित्य, संगीत, फिलॉसफी, इंडोलॉजी, आर्ट, डांस, थियेटर, एजुकेशन, मैथेमेटिक्स, स्टैटिस्टिक्स, प्योर एंड एप्लाइड साइंस, सोशियोलॉजी, इकोनॉमिक्स, स्पोर्ट्स, ट्रांसलेशन व इन्टरप्रेटेशन के विभाग होंगे।
-विश्वविद्यालय और सिंगल डोमेन यानी केवल प्रबंधन, केवल लॉ, केवल इंजीनियरिंग, केवल एजुकेशन या केवल मेडिकल की पढ़ाई कराने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को अब मल्टी डिसिप्लनरी मोड अपनाना होगा।
-देश में तीन तरह के संस्थान होंगे- पहला- रिसर्च यूनिवर्सिटी, दूसरा- टीचिंग यूनिवर्सिटी और तीसरा- ऑटोनॉमस कॉलेज। तीन हजार से ज्यादा छात्र हैं तो कॉलेज अपने स्तर पर डिग्री दे सकेंगे।
-तीन हजार से ज्यादा छात्र वाले कॉलेज नए विभाग खोलकर बहुविषयक ऑटोनॉमस कॉलेज का दर्जा हासिल कर सकेगा। अगर किसी कॉलेज में छात्रों की संख्या तीन हजार से कम होगी तो अन्य कॉलेजों के साथ करार कर सकेंगे।
-छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में खाता खोलना होगा। इसमें पढ़े विषय व उनके अंक 7 वर्ष तक सुरक्षित रहेंगे। पढ़ाई करने, बीच में छोड़ने और फिर कोर्स पूरा करने का मौका होगा।
-किसी छात्र ने एक वर्ष की पढ़ाई पूरी की तो उसे सर्टिफिकेट, दो वर्ष पूरा करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष पूरा करने पर डिग्री, 4 वर्ष पूरा करने पर ऑनर्स या डुअल डिग्री मिलेगी।
-यूजीसी के चेयरमैन एम.जगदीश कुमार ने बताया कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों को मल्टी-डिसिप्लीनरी इंस्टीट्यूट्स में बदलने में राज्य की यूनिवर्सिटीज को इस गाइडलाइन से मदद मिलेगी। स्टूडेंट्स के लिए भी नई गाइडलाइन करिअर के लिहाज से अच्छी रहेगी।
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