इस देश के इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार! कुछ घंटों में 600 से अधिक लोगों की हत्या, दफनाने के लिए कम पड़ी जमीन

shot dead about 600 people in Burkina Faso: यह देश के इतिहास में सबसे भयानक नरसंहार है। अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े विद्रोहियों के बीच जारी जिहादी विद्रोह के कारण ऐसे हालात निर्मित हुए हैं।

इस देश के इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार! कुछ घंटों में 600 से अधिक लोगों की हत्या, दफनाने के लिए कम पड़ी जमीन

shot dead about 600 people in Burkina Faso

Modified Date: October 5, 2024 / 04:37 pm IST
Published Date: October 5, 2024 4:36 pm IST

नईदिल्ली: shot dead about 600 people in Burkina Faso शुक्रवार को एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि बीते अगस्त महीने में बुर्किना फासो के बार्सालोघो शहर पर हुए हमले में अल-कायदा से जुड़े आतंकियों ने चंद घंटों में करीब 600 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। सामूहिक नरसंहार से यह देश दहल उठा और मानवता को शर्मसार करने वाले इस नरसंहार ने कई सवाल खड़े कर दिए।

रिपोर्ट में दावा किया गया कि बार्सालोघो के निवासियों को 24 अगस्त को गोली मार दी गई थी। वे सेना के आदेश पर खाइयां खोद रहे थे। इस हमले में जिन लोगों ने अपनी जानें गंवाई उनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यह देश के इतिहास में सबसे भयानक नरसंहार है। अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े विद्रोहियों के बीच जारी जिहादी विद्रोह के कारण ऐसे हालात निर्मित हुए हैं।

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shot dead about 600 people in Burkina Faso माली स्थित और बुर्किना फासो में सक्रिय अल-कायदा से जुड़े जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन (जेएनआईएम) के सदस्यों ने बार्सालोघो के बाहरी इलाके में ग्रामीणों को गोली मार दी। संयुक्त राष्ट्र ने जहां करीब 200 लोगों की मौत का अनुमान लगाया, वहीं जेएनआईएम ने कहा कि उसने करीब 300 लड़ाकों को मार गिराया। हालांकि, फ्रांसीसी सरकार के सुरक्षा आकलन के मुताबिक, हमले में 600 से अधिक लोगों की गोली मारकर हत्या की गई।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताई आंखोदेखी

इस मामले में एक व्यक्ति ने कहा कि वह सेना द्वारा खाई खोदने के लिए कहे गए दर्जनों लोगों में से एक था। उसने सीएनएन को बताया कि वह सुबह करीब 11 बजे शहर से 4 किलोमीटर दूर एक खाई में था। उस समय उसने पहली गोली चलने की आवाज सुनी। उसने कहा, “मैं भागने के लिए खाई में रेंगने लगा। लेकिन ऐसा लग रहा था कि हमलावर खाइयों का पीछा कर रहे थे। इसलिए मैं रेंगकर बाहर निकला और खून से लथपथ कई लोगों को देखा। मेरे रास्ते में हर जगह खून था। हर जगह चीख-पुकार मची हुई थी। मैं एक झाड़ी के नीचे पेट के बल लेट गया। दोपहर तक छिपता रहा।”

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एक दूसरे जीवित व्यक्ति ने कहा कि जेएनआईएम ने पूरे दिन लोगों को मारा। उसने कहा, “तीन दिनों तक हम शवों को इकट्ठा करते रहे। हर जगह शव बिखरे हुए थे। हमारे दिलों में डर समा गया। दफनाने के समय जमीन पर इतने सारे शव पड़े थे कि दफनाना मुश्किल था।”

सेना ने कथित तौर पर स्थानीय लोगों को शहर के चारों ओर एक विशाल खाई खोदने का आदेश दिया ताकि शहर को आस-पास घूम रहे जिहादियों से बचाया जा सके। जेएनआईएम ने विद्रोह के खिलाफ लड़ाई में सेना का समर्थन करने के खिलाफ नागरिकों को चेतावनी दी है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com