Prevent Pregnancy: न कंडोम थे और न गर्भनिरोधक गोलियां, जानें हरम की हसीनाएं कैसे रोकती थीं प्रेग्नेंसी

condoms prevent pregnancy: सुलेमान प्रथम को अपनी अय्याशी के लिए भी जाना जाता है। इसके हरम में एक से बढ़कर एक खूबसूरत हसीनाएं मौजूद थी जिनके प्रेग्नेंट होने पर पाबंदी लगाई गई थी।

Prevent Pregnancy:  न कंडोम थे और न गर्भनिरोधक गोलियां, जानें हरम की हसीनाएं कैसे रोकती थीं प्रेग्नेंसी

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Modified Date: February 17, 2024 / 10:44 pm IST
Published Date: February 17, 2024 10:42 pm IST

Ottoman Imperial Harem: ओटोमान के सुल्तान सुलेमान प्रथम को उनकी अय्याशी के लिए भी जाना जाता है। इसके हरम में एक से बढ़कर एक खूबसूरत महिलाएं मौजूद थीं। लेकिन इनके प्रेग्नेंट होने पर पाबंदी लगाई गई थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह वो दौर था जब कंडोम और दूसरी गर्भनिरोधक गोलियों का आविष्कार तक नहीं हुई थी।

ज्यादातर लोगों ने मुगल हरम के बारे में पढ़ा तो जरूर होगा। कई इतिहासकारों की मानें तो मुगल हरम उस दौर के बादशाहों के अय्याशी का अड्डा हुआ करता था लेकिन मुगलों के अलावा इतिहास में एक और ऐसा बादशाह हुआ जिसके हरम के किस्से बहुत मशहूर हैं। इतिहासकारों की मानें तो इस राजा का हरम मुगलों के मुकाबले कई गुना ज्यादा बड़ा था और इसमें एक से बढ़कर एक खूबसूरत हसीनाएं रहा करती थीं।

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condoms prevent pregnancy हम ओटोमन साम्राज्य के 10वें सुल्तान सुलेमान ‘द मैग्नीफिकेंट’ की बात हो रही है। सुल्तान सुलेमान ने सबसे लंबे समय तक राज किया, वह अपने पिता की मौत के बाद साल 1520 में राजगद्दी पर बैठा और साल 1566 तक राज-काज संभालता रहा था।

ओटोमन साम्राज्य के हरम के किस्से

सुलेमान प्रथम को अपनी अय्याशी के लिए भी जाना जाता है। इसके हरम में एक से बढ़कर एक खूबसूरत हसीनाएं मौजूद थी जिनके प्रेग्नेंट होने पर पाबंदी लगाई गई थी। यह वो दौर था जब कंडोम और दूसरी गर्भनिरोधक गोलियों का आविष्कार नहीं हुआ था। ऐसे में दासियों को प्रेग्नेंसी से बचने के लिए कई काम करने होते थे। कई तरीके तो बेहद दर्दनाक भी होते थे। जानकार बताते हैं कि हरम की महिलाएं वजाइना की सफाई के लिए एसिड (नींबू, संतरा, अनार के रस) का इस्तेमाल करती थी जो स्पर्म के खिलाफ असर दिखाते थे।

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और कौन से थे तरीके

प्रेग्नेंसी से बचने के लिए हरम की महिलाएं पारंपरिक काढ़े का इस्तेमाल करती थी जिसे बनाने में वर्मवुड, पुदीना, क्रोकस या हॉर्सटेल का इस्तेमाल किया जाता था। ऐसा करने से अगर गर्भ रुकता भी था तो गर्भपात हो जाता था। जब राजा की हरम में एंट्री होती थी तब उससे पहले ही दासियों को बता दिया जाता था ताकि वो पहले से ही सज-सवंर कर तैयार रहें। कई बार प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए प्राकृतिक तेलों का भी इस्तेमाल किया जाता था। इनमें जैतून और देवदार के तेल शामिल होते थे, इनसे यौन बीमारियों से भी बचाव होता था।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com