CG Assembly Election 2023: ‘बाहरी’ पर तकरार..जुबानी जंग सीमा पार..! क्या बाहरी उम्मीदवार पर बहस केवल सियासी पैंतरा है?
CG Assembly Election 2023: 'बाहरी' पर तकरार..जुबानी जंग सीमा पार..! क्या बाहरी उम्मीदवार पर बहस केवल सियासी पैंतरा है?
CG Assembly Election 2023 2023
रायपुर। CG Assembly Election 2023 2023 विधासभा चुनाव में भाजपा ने मौजूदा सांसदों से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक को टिकट दिया है। भरतपुर-सोनहट सीट पर पार्टी ने केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस का आरोप है कि रेणुका सिंह बाहरी प्रत्याशी हैं जिन्हें स्थानीय नेताओं पर थोपा गया जिसका विरोध उन्हीं के कार्यकर्ता कर रहे हैं। इस पर रेणुका सिंह ने सोनिया गांधी के बहाने कांग्रेस पर पलटवार किया है। लेकिन रेणुका सिंह के सोनिया गांधी को लेकर कहे गए शब्दों पर बहस का नया मोर्चा खुल गया है, सवाल उठा कि विरोध और तंज के दौर में शब्दों की सीमा पार करना कितना उचित है।
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CG Assembly Election 2023 बीजेपी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में काफी पहले से अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर बढ़त लेने की कोशिश की। 5 सीटों को छोड़ बाकी सभी सीटों पर बीजेपी अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। जीत की संभावना देखते हुए भाजपा के चुनाव मैदान में केंद्रीय मंत्रियों समेत अपने सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारा है। कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान के साथ ही नाराज दावेदारों का घमासान भी दिखा।
इसी माहौल के बीच भरतपुर-सोनहट सीट पर स्थानीय बनाम बाहरी प्रत्याशी मामले पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए भाजपा उम्मीदवार के तौर पर केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को बाहरी प्रत्याशी बताया। कांग्रेस का आरोप है कि क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ता और स्थानीय दावेदार स्वयं रेणुका सिंह का सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। आरोप को लेकर जब रेणुका सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने पटलवार में सीधे कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी पर सवाल उठा दिया। रेणुका सिंह ने कहा कि पहले कांग्रेसी सोनिया गांधी को धक्का मारकर इटली भेजें फिर मुझ पर सवाल उठाए।
रेणुका सिंह के वार पर PCC संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने जवाब देते हुए कहा कि BJP कार्यकर्ता ही रेणुका सिंह का विरोध कर रहे हैं। जिससे रेणुका सिंह बौखलाई हुई हैं। कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि रेणुका सिंह ने सनातन परंपरा, हिंदू विवाह पद्धति का अपमान किया है। उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
वैसे, किसी भी सीट पर उम्मीदवार के तौर पर नेताओं की पैराशूट लैंडिग या बाहरी को उतारने पर बवाल कोई नई बात नहीं है। विरोध में नारेबाजी, बयानबाजी का सिलसिला भी नया नहीं है। लेकिन सवाल ये कि क्या वार-पलवार में शब्दों की मर्यादा सीमा पार होनी चाहिए?

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