कोरबा: बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए अपनेउम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। सूची में कई मंत्रियों और संसदीय सचिव सहित वर्तमान विधायकों को किनारा कर नए चेहरे को मौका दिया गया है। रामपुर विधानसभा क्षेत्र से भी इस बार कांग्रेस ने पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर को किनारे कर फूलसिंह राठिया को टिकट दिया है, लेकिन अपना पत्ता साफ होता देख पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर ने अपने निवास गृह भैसमा में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की एक मीटिंग आयोजित की। यहाँ सभी कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर की अगुवाई में प्रत्याशी फूलसिंह राठिया का विरोध करते हुए निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी यदि अपनी प्रत्याशी नहीं बदलेगा तो वे सभी किसी अन्य पार्टी का दामन थामेंगे।
वहीं इससे पहले कार्यकताओं द्वारा एक पत्र तैयार किया गया है जिसे हाई कमान को भेजा जाएगा। उक्त पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि, रामपुर विधानसभा से एक निष्ठावान प्रत्याशी को छोड़कर फूलसिंह राठिया का चयन किया गया है यह गलत है और इसका विरोध करते है। पत्र में कांग्रेस हाईकमान से प्रत्याशी बदलने का निवेदन भी किया गया है।
मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर ने कहा कि, कांग्रेस से हमारा नाता बहुत पुराना है। अपने बड़े भाई अविभाजित मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल के बारे में बताते हुए श्यामलाल ने कहा कि सन 1962 में हमारे बड़े भाई ने स्वतंत्र चुनाव लड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था तभी से लगातार हम लोग कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। पहली बार कांग्रेस ने हमको अलग करते हुए दलबदलू फूलसिंह राठिया को उम्मीदवार बनाया है। इससे हमारे समस्त कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त हैं। अगर इन्हें बदला नही जाता है तो हमारे सभी कार्यकर्ता नाराजगीवश दूसरी किसी पार्टी का रुख करेंगे।
2018 में रामपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी से ननकीराम कंवर, कांग्रेस पार्टी से श्यामलाल कंवर तथा जोगी कांग्रेस पार्टी से फूलसिंह राठिया ने चुनाव लड़ा था जिसमे भाजपा से ननकीराम कंवर ने अपनी जीत दर्ज की थी। फूलसिंह राठिया हारकर भी दूसरे स्थान पर थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी श्यामलाल कंवर कांग्रेस पार्टी की लहर का भी फायदा नहीं उठा पाए और हार गए थे और वे तीसरे नंबर पर थे। फूल सिंह राठिया के कांग्रेस में आते ही पार्टी ने उस पर भरोसा जताकर इस बार टिकट दिया है।
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2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के श्यामलाल कंवर को 67868 वोट मिले थे। बीजेपी के ननकीराम को 57953 वोट मिले थे। दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी के ननकी राम कंवर 1998 में यहां से पहली बार चुनाव जीते थे। इससे पहले कांग्रेस के प्यारेलाल कंवर इस सीट का प्रतिनिधित्व करते थे।
2008 के चुनाव नतीजे रामपुर सीट से बीजेपी के ननकीराम लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में सफल रहे। 2008 के चुनाव में भी दोनों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। इस बार ननकीराम ने जीत का अंतर बढ़ा कर आठ हजार तक ले गए और लगातार तीसरी बार सदन में पहुंच गए। बीजेपी के ननकीराम को 58415 वोट मिले थे। कांग्रेस के प्यारेलाल को 50094 वोट मिले थे।
2003 में छत्तीसगढ़ के पहले विधानसभा चुनाव में ननकीराम के सामने एक बार फिर कांग्रेस के प्यारेलाल कंवर थे। कांटे की टक्कर देखने को मिली, लेकिन महज 380 से ननकीराम ने प्यारेलाल को मात दे दी। बीजेपी के ननकीराम को 35642 वोट मिले थे। कांग्रेस के प्यारेलाल को 35262 वोट मिले थे।
Dheeraj Dubey ibc24