Chunavi Chuapal in Pamgarh : BSP का गढ़ माना जाता है छत्तीसगढ़ का ये विधानसभा सीट, क्या इस बार इसे भेद पाएगी भाजपा और कांग्रेस
BSP का गढ़ माना जाता है छत्तीसगढ़ का ये विधानसभा सीट : Chunavi Chuapal in Pamgarh, Pamgarh Vidhansabha election 2023
Pamgarh Vidhansabha
पामगढ़ः Pamgarh Vidhansabha छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है। लिहाजा अब इन दोनों राज्यों की सियासत भी गर्म होने लगी है। पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्थानीय़ जनप्रतिनिधि और विधायक अब अपने-अपने क्षेत्र के दौरे पर भी जा रहे हैं। इस चुनावी साल में विधायकों के प्रदर्शन और क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की बात भी जरूरी है। इसलिए हम आपके बीच आ रहे हैं और आपसे आपके क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों और विधायकों के प्रदर्शन पर बातचीत करेंगे। आज हम पहुंचे हैं छत्तीसगढ़ के पामगढ़ विधानसभा सीट पर…
Pamgarh Vidhansabha छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा सीटों में से 38 नंबर की पामगढ़ सीट जांजगीर चांपा जिले में आती है। यह सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़ों की मानें तो यहां कुल वोटरों की संख्या करीब दो लाख है। इनमें से एक लाख 38 हजार पुरूष और करीब 96 हजार मतदाता महिला है। वर्तमान में यहां से बहूजन समाज पार्टी के इंदू बंजारे विधायक है।
राजनीतिक और जातिगत समीकरणों की बात करें तो पामगढ़ विधानसभा की जनता किसी एक ही पार्टी पर विश्वास नहीं करती है। हर विधानसभा चुनाव में यहां की जनता अपना विधायक बदल देती है। पार्टी के लिहाज से देखें तो इस सीट को बसपा का गढ़ माना जाता है। अब तक के विधानसभा चुनावों में यहां बसपा से 4 बार विधायक बने हैं, जबकि भाजपा और कांग्रेस को सिर्फ एक-एक बार मौका मिला है। यहां सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति के मतदाता निवास करते है। कहा जाता है कि जिस पार्टी ने इस वर्ग को साध लिया, उसकी जीत तय है। 2018 में त्रिकोणीय मुकाबला होने की वजह से यहां अनुसूचित जनजाति वर्ग के वोट तीन भागों में बंट गए थे। लिहाजा यहां दूसरे समाज के वोटरों ने परिणाम तय किया था।
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बसपा के इंदू बंजारे ने जीता था 2018 का चुनाव
Pamgarh Vidhansabha 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम की बात करें तो पामगढ़ में हाथी ने बाजी मारी थी। पामगढ़ सीट से बसपा के इंदू बंजारे ने 3061 वोटों से जीत दर्ज की। बसपा उम्मीदवार को 50129 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस से गोरेलाल बर्मन को 47068 वोट मिले। जबकि भाजपा यहां तीसरे स्थान पर रही थी।
2013 के चुनाव नतीजे
बीजेपी के अंबेश जांगड़े को 45342 वोट मिले थे।
बसपा के दुजराम बुद्ध को 37217 वोट मिले थे।
2008 की परिणाम
बसपा के दुजराम बुद्ध को 39534 वोट मिले थे।
बीजेपी के अंबेश जांगड़े को 33579 वोट मिले थे।
2003 के नतीजे
कांग्रेस के महंत राम सुंदर दास को 42780 मिले थे।
बसपा के दौराम को 36046 को वोट मिले थे।
क्या फिर BSP पर भरोसा जताएगी जनता
Pamgarh Vidhansabha मुद्दों की बात करें तो पामगढ़ विधानसभा सीट पर मुद्दों की कमी नहीं है। विकास के काम तो हुए हैं, लेकिन आज भी कई काम ऐसे जिसकी आस जनता कई सालों से कर रही थी, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जब हमने वहां के स्थानीय मतदाताओं से बात की तो सबने एक स्वर में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार, भ्रस्टाचार को अपनी समस्या बताई। एक स्थानीय युवा ने कहा कि यहां अधिकारी राज हावी है और भ्रस्टाचार इतना है कि 5 रुपए के काम के लिए 10 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते है। उन्होंने बताया कि अधिकारी यहां तक कह देते हैं कि उपर वालों को भी देखना पड़ता है।
एक नागरिक ने कहा कि यहां के अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। अस्पताल में न तो दवाई मिलती है और न ही डॉक्टरों रहते हैं। डॉक्टरों मिलते भी तो हैं तो बाहर की दवाईयां लिख देते हैं।

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