Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022

गुजरात में भाजपा के लिए नया सिरदर्द! ​निर्दलीय बिगाड़ सकते है पूरा खेल, किसको मिलेगा अपक्ष उम्मीदवारों का साथ

Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022 हाल ही में जारी हुए एक्जिट पोल में निर्दलियों की संख्या बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिससे बीजेपी की दिक्कते बढ़ सकती है।

Edited By :   Modified Date:  December 7, 2022 / 04:53 PM IST, Published Date : December 7, 2022/4:29 pm IST

Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022: गुजरात में अब काउंडाउन शुरू हो गया है। सबी उम्मीदवारों अपने दिल थाम के बैठे हुए है। अपनी-अपनी किस्मत आजमाने चुनावी रण में कूदे सभी प्रत्याशियों की किस्मत की फैसला कल हो जाएगा। गुजरात में दो चरण में 182 विधानसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुके है। कल 8 दिसंबर को मतगणना होगी। इस बार उम्मीदवारों के जनता से अच्छे मतदान की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार कम मतदान हुआ है। वहीं बात की जाए पोल्स ऑफ पोल की तो ज्यादातर सर्वे कंपनियां अपनी रिपोर्ट में बीजेपी की जीत का दावा कर रही है। इसके अलावा अन्य पार्टियों की स्थिति खराब बताई जा रही है। लेकिन इस बार के चुनाव में बड़ी संख्या में निर्दलीय मैदान में उतरे और एग्जिट पोल की बात की जाए तो लंबे अरसे बाद बड़ी संख्या में निर्दलीयों की जीत दिखाई दे रही है।

निर्दलियों की राजनीति हो गई थी लगभग खत्म – Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022

Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022: गुजरात में अगर निर्दलीयों की बात की जाए तो 1995 के बाद राज्य में निर्दलीयों की राजनीति लगभग खत्म ही हो गई थी। 1995 की बात की जाए तो पूरे गुजरात में मात्र 16 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं, 2022 के एक्जिट पोल में निर्दलियों की संख्या बढ़ने का अनुमान लगाया जा रही है। बताया जा रहा है कि बागी नेता सत्ताधारी पार्टी बीजेपी से बगावत करके चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे है। ऐसे में अगर ये नेता विधानसभा पहुंचते हैं, तो निश्चित तौर पर निर्दलियों की संख्या बढ़ेगी और यह नेता बीजेपी के लिए सिरदर्द बनने जा रहे है।

ये बागी नेता बिगाड़ेंगे खेल – Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022

Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022: इधर, बीजेपी ने साफ किया है कि अनुशासन तोड़कर पार्टी के खिलाफ लड़ने वाले नेताओं को पार्टी में नहीं लिया जाएगा। बागी नेताओं में वाघोडिया से विधायक मधु श्रीवास्व, पादरा से पूर्व विधायक दीनू मामा, धानेरा से मावजी देसाईके, बायड से धवल सिंह झाला, केशोद से अरविंद लडानी और खेरालू से राम सिंह ठाकोर के नाम प्रमुख हैं। बताते चलें कि एक्जिट पोल में अन्य के खाते में 6 से 8 सीटें जाने की अनुमान लगाया गया है।

1995 में निर्दलियों ने बनाई थी गुजरात सरकार – Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022

Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022: गुजरात में अगर निर्दलियों की बात करें तो 1995 के बाद राज्य में निर्दलियों की राजनीति लगभग खत्म हो गई। 1995 के चुनाव में 16 निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। बाद में इनकी बदौलत ही गुजरात में उलटफेर हुआ था और तब बीजेपी की चुनी हुई सरकार गिरी थी और बगावत करने वाले बीजेपी नेता शंकर सिंह वाघेला मुख्यमंत्री बने थे। इससे पहले, 1990 में भी 10 निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।

2002 में सिर्फ 2 निर्दलीय प्रत्याशी पहुंचे थे विधानसभा – Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022

Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022: नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद निर्दलियों की राजनीति खत्म होने के कगार पर पहुंच गई थी। 1998 के चुनाव में सिर्फ 3 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी। जबकि, 2002 में यह संख्या सिर्फ 2 पर सिमट गई। 2007 में भी निर्दलीय की संख्या नहीं बढ़ी और 2 ही अपक्ष उम्मीदवार विधानसभा पहुंच पाए। 2012 और 2017 के चुनाव में यह संख्या 1 से 3 निर्दलीय पर सिमट गई। 2017 में दलित नेता जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय जीतकर गांधीनगर पहुंचे थे। इसके अलावा दो अन्य सीटों पर निर्दलीय जीते थे। 2002 के चुनाव में 344 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। वहीं, 2022 के चुनाव में कुल निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या कम है और 624 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

गुजरात में निर्दलीय फिर बन सकते है बीजेपी के सरदर्द – Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022

Nirdaliye in Gujarat Chunav 2022: इस बार के गुजरात सरकार बनाने के लिए जनता ने अपना फैसला दे दिया है। जिसका खुलासा कल होगा। एग्जिट पोल्स की बात की जाए तो इस बार बीजेपी रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल कर रही है। लेकिन एग्जिट पोल कितना सही साबित होता है ये तो आने वाला कल ही बताएगा। एक ओर गुजरात में कम मतदान होने की वजह से बीजेपी में खलबली मची हुई है। तो वहीं इस बार बीजेपी छोड़ बागी नेता भी बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते है। गुजरात में निर्दलीयों की बात की जाए तो निर्दलीय की राजनीति लगभग खत्म हो गई थी । लेकिन इस बार पार्टी से बगावत कर खुद की किस्मत आजमाने चुनावी दंगल में कूदे उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है। अनुमान तो ये लगाया जा रहा है कि इनमें से कई निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत लगभग तय है। पोल की माने तो निर्दलीय विधायक बीजेपी का सिरदर्द बन सकते है।

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