NPP-BJP forms government in Meghalaya

Meghalaya Election 2023: गठबंधन सरकार बनने के बाद भी भ्रष्टाचार से नहीं होगा समझौता, भाजपा नेता का बड़ा बयान

उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा और नगालैंड में पार्टी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाएगी और मेघालय में वह सीट की संख्या और मत प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी।

Edited By :   Modified Date:  February 28, 2023 / 07:07 PM IST, Published Date : February 28, 2023/5:50 pm IST

NPP-BJP forms government in Meghalaya

नयी दिल्ली, 28 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव और पार्टी के पूर्वोत्तर मामलों के सह-प्रभारी ऋतुराज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ सरकार बनाने को लेकर अंतिम फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा।

उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि मेघालय में सरकार बनाने में भाजपा की प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि एनपीपी के साथ मिलकर वहां यदि गठबंधन सरकार बनती है, तो भाजपा उस सरकार का हिस्सा होते हुए भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संकल्प को कार्यान्वित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा और नगालैंड में पार्टी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाएगी और मेघालय में वह सीट की संख्या और मत प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी।

read more: 8 महीने से नाबालिग बेटी बनती रही पिता की हवस का शिकार, ऐसे हुआ खुलासा, बेटी को बचाने के लिए मां ने किया ये काम

ज्ञात हो कि तीनों राज्यों में सोमवार को मतदान संपन्न हो गए। इसके बाद आए चुनाव सर्वेक्षणों में अधिकांश ने त्रिपुरा में भाजपा और इंडिजीनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) और नगालैंड में भाजपा और नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान जताया है, जबकि मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा होने को दावा किया गया है।

इन सर्वेक्षणों में मेघालय में एनपीपी को सबसे अधिक सीट मिलने का अनुमान जताया गया है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भाजपा और एनपीपी मिलकर एक बार फिर गठबंधन सरकार बना सकती हैं।

एनपीपी के साथ मिलकर सरकार चलाने के बाद भाजपा ने इस चुनाव से ठीक पहले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उससे गठबंधन तोड़ दिया था और फिर वह अपने दम पर मैदान में उतरी।

सिन्हा ने कहा कि मेघालय में पिछले पांच चुनावों में कभी भी किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है और वहां गठबंधन सरकारें ही बनती रही हैं।

read more: यात्रीगण कृपया ध्यान दें…सभी ट्रेन 5 से 6 घंटे तक देरी चल रही है, DRM ने बताया क्यों लेट हो रही गाड़ियां

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस बार भी त्रिशंकु विधानसभा ही बनने वाली है। इसमें कहीं ना कहीं भाजपा 2018 के मुकाबले बड़ी ताकत के रूप में उभरेगी और सरकार गठन में हमारी प्रमुख भूमिका रहेगी।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा फिर से एनपीपी के साथ सरकार बनाएगी, उन्होंने कहा कि इसका फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लेगा।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव से जब यह पूछा गया कि जिस एनपीपी से भ्रष्ट्राचार के मुद्दे पर आपने गठबंधन तोड़ दिया था, उसके साथ फिर से हाथ मिलाने से गलत संदेश नहीं जाएगा, तो उन्होंने कहा कि भाजपा जब सरकार में थी, तब भी वह इस मुद्दे पर मुखर थी।

उन्होंने कहा, ‘‘समय-समय पर भाजपा ने जनता की आवाज उठाने का काम किया है। भ्रष्टाचार का मुद्दा भी हमने उठाया। जब हम सरकार में थे, तब भी हमने सदन से सड़क तक इस पर अंकुश लगाने का काम किया।’’

उन्होंने कहा कि मेघालय में भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना अति आवश्यक है और इससे मेघालय का और बेहतर विकास हो सकता है।

सिन्हा ने कहा कि अगर पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भाजपा भ्रष्टाचार मुक्त शासन दे सकती है, तो मेघालय में क्यों नहीं है।

read more: 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कल से शुरु। तेजतर्रार छत्तीसगढ़। Chhattisgarh Non Stop News

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेघालय की जनता भाजपा को अच्छी संख्या में सीट देकर विधानसभा में भेजती है, ताकि हम बुलंदी से अपनी बात रख सकें और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सकें…तो सरकार का हिस्सा होते हुए भी हम भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने रुख को कार्यान्वित करने पूरा प्रयास करेंगे। यह हमारा संकल्प रहेगा।’’

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य नेताओं ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान मेघालय में भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया था।

भाजपा सचिव ने इस संभावना से इंकार किया एक्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस मेघालय में एक बड़ी ताकत के रूप में उभर सकती है और ‘‘किंगमेकर’’ की भूमिका निभा सकती है।

सिन्हा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विगत नौ वर्षों में पूर्वोत्तर के राज्यों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री ने 50 से अधिक बार पूर्वोत्तर के राज्यों का दौरा किया और हर बार यहां के राज्यों के विकास के लिये कुछ बड़ी परियोजनाएं समर्पित कीं।

उन्होंने दावा किया कि इतिहास में पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए इतना कभी नहीं किया गया, जितना प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर की जनता का अटूट विश्वास प्रधानमंत्री मोदी पर बना है। हमें पूरा विश्वास है 2020 के चुनाव में हम यहां की 25 की 25 सीट जीतेंगे।’’