Bemisal Bastar IBC24: ‘विकास’ ने पकड़ी रफ्तार, नक्सलगढ़ की बदली पहचान, सरकार ने शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए उठाए बड़े कदम
Schools closed due to Naxal terror reopen again: सुधार के साथ शालाओं में पढ़ने वाले छात्र छात्रों की पढ़ने की ललक बढ़ते जा रही है।
Bemisal Bastar IBC24
Bemisal Bastar IBC24: रायपुर। वैसे तो धरती को स्वर्ग कहा जाता है, लेकिन अगर बस्तर को छत्तीसगढ़ का स्वर्ग कहा जाए तो ये कहीं भी गलत नहीं होगा। बस्तर दुनिया भर में सिर्फ वनों के लिए नहीं बल्कि अपनी अनूठी सममोहक संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। यहां के आदित जनजातियों की परंपराएं, लोकगीत, लोक नृत्य, स्थानीय भाषा, शिल्प एवं लोक कला की पूरी दुनिया कायल है। आज आईबीसी 24 ये जानने की कोशिश कर रहा है कि सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं। बता दें कि आईबीसी 24 सदा से जनता की आवाज और जनहित की बात सरकार तक पहुंचाने का माध्यम बना है और हमेशा इस बात पर अडिग रहेगा कि ‘सवाल आपका है’।
बस्तर के स्कूल अब स्किल से लैस हो रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ रही है, शिक्षकों की कमी के कारण बंद होने की कगार पर पहुंचे स्कूलों को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया और व्यवस्था सुधारने के लिए बड़े कदम उठाए। यही नहीं नक्सलियों आतंक से बंद पड़े स्कूलों को भी दोबारा खोले। बीजापुर जिले के भोपालपटन, भैरमगढ़, उसूर और बीजापुर चारों ब्लाकों मे हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में पढ़ाने पर जोर दिया। शिक्षा की गुणवक्ता में सुधार के नतीजे में भी सामने आने लगे हैं।
Bemisal Bastar IBC24: सुधार के साथ शालाओं में पढ़ने वाले छात्र छात्रों की पढ़ने की ललक बढ़ते जा रही है। जिले के 12 सौ 36 स्कूलों में शिक्षा का स्तर तो बढ़ा ही साथ ही शिक्षा विभाग पढ़ाई में नवाचारों को भी बढ़ावा दे रहा है। बस्तर के अनछुए इलाकों तक शिक्षा की अलख जगाने के लिए प्रशासन की ये क्रांतिकारी पहल है.. जिसके बच्चों का भविष्य तो संवरेगा ही प्रदेश का भविष्य भी सुनिश्चित होगा।
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