आतंकी खतरे को देखते हुए बिहार में पांच क्षेत्रीय केंद्रों पर तैनात होंगी एटीएस की टीमें

आतंकी खतरे को देखते हुए बिहार में पांच क्षेत्रीय केंद्रों पर तैनात होंगी एटीएस की टीमें

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  • Publish Date - December 29, 2025 / 06:59 PM IST,
    Updated On - December 29, 2025 / 06:59 PM IST

पटना, 29 दिसंबर (भाषा) राज्य में बढ़ते आतंकी खतरों की आशंका को देखते हुए बिहार सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से त्वरित रूप से निपटने के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की टीमों को राज्य के पांच क्षेत्रीय केंद्रों पर तैनात करने का निर्णय लिया है। इनमें सीमावर्ती इलाकों और हिंदू एवं बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थस्थल गया जी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

एटीएस की टीमें पटना, गया जी, पूर्णिया, दरभंगा और मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) में तैनात की जाएंगी। वर्तमान में एटीएस की टीम केवल राज्य की राजधानी पटना में स्थित है और आवश्यकता पड़ने पर वहीं से भेजी जाती है।

एटीएस के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पंकज कुमार दराद ने सोमवार को पत्रकारों को बताया, “पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने राज्य के गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा है कि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एटीएस की टीमों को राज्य के पांच स्थानों पर तैनात किया जाए। क्षेत्रीय केंद्रों पर तैनात टीमों का नेतृत्व उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे। इन टीमों को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा ताकि आतंकी स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।”

दराद ने कहा कि क्षेत्रीय केंद्रों का फोकस सीमावर्ती इलाकों पर अधिक रहेगा और ये अपने आसपास के जिलों की भी निगरानी करेंगे।

उनके मुताबिक, ये टीमें स्लीपर सेल, आतंकी गतिविधियों, गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामलों में रिहा या बरी किए गए लोगों तथा सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी तत्वों पर भी नजर रखेंगी।

उन्होंने बताया, “उदाहरण के तौर पर पूर्णिया केंद्र कटिहार, किशनगंज, अररिया और भागलपुर जिलों को भी कवर करेगा। अन्य केंद्र भी इसी तरह कार्य करेंगे।”

एटीएस के एडीजी ने कहा कि राज्य के सभी 38 जिलों में पहले से ही पांच-पांच सदस्यों वाली ‘काउंटर टेररिस्ट टीमें’ गठित हैं।

प्रस्तावित एटीएस केंद्रों में पूर्णिया, मोतिहारी और दरभंगा भारत-नेपाल की खुली सीमा के नजदीक स्थित हैं, जहां वर्ष भर लोगों की आवाजाही बनी रहती है।

उन्होंने बताया कि पटना न केवल राज्य की राजधानी है, बल्कि यहां कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान और अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीवीआईपी) के आवास भी स्थित हैं।

गया जी जिले में बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है और गया जी शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर है। यही वह स्थान है जहां सिद्धार्थ गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ और वह बुद्ध बने।

गया जी शहर में विष्णुपद मंदिर और उसके आसपास के स्थल भी हैं, जहां दुनिया भर से हिंदू अपने पूर्वजों और प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और प्रार्थना करने आते हैं।

एटीएस के एडीजी के मुताबिक, बोधगया में 2013 और 2018 में आतंकी हमले हो चुके हैं। वर्ष 2013 में महाबोधि मंदिर परिसर और आसपास सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे, जबकि 2018 में दलाई लामा की मौजूदगी के दौरान कालचक्र पूजा और अन्य अनुष्ठानों के समय आतंकी घटना हुई थी।

इस बीच, बिहार पुलिस ने एक बयान में बताया कि इस वर्ष जनवरी से नवंबर के बीच हत्या के मामलों में 5,620, डकैती में 1,054, लूट के मामले में 2,082 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत 3,630 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, बलात्कार और अपहरण जैसे जघन्य अपराधों के मामलों में 3.53 लाख लोगों की गिरफ्तारी की गई है।

बयान के मुताबिक, पुलिस ने इस अवधि में 4,589 आग्नेयास्त्र, 28,542 कारतूस, 89 देसी बम, 288 डेटोनेटर जब्त किए और 74 मिनीगन फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया।

इसमें कहा गया है कि साथ ही, साम्प्रदायिक हिंसा, पुलिस पर हमले, भीड़ हिंसा और हर्ष फायरिंग के मामलों में 7,071 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 2,600 किलोग्राम गांजा और सात किलोग्राम से अधिक हेरोइन भी जब्त की है।

भाषा कैलाश

नोमान

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