Bihar Assembly Elections 2025: अति पिछड़ा वर्ग को 30% आरक्षण, SC-ST जैसा बनेगा नया कानून, चुनाव से पहले बिहार में महागठबंधन का बड़ा दांव
Bihar Assembly Elections 2025: 30% reservation for extremely backward classes, new law similar to SC-ST will be made
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन का घोषणा-पत्र (चुनावी मैनिफेस्टो) आना शुरू हो गया है। बुधवार को महागठबंधन ने “अति पिछड़ा न्याय संकल्प” पेश किया. जिसमें पिछड़े वर्गों के लिए कई बड़े कदम शामिल हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने इस संकल्प पत्र जारी किया। इसमें पंचायत और निकायों में ईबीसी को 30 फीसदी आरक्षण और एससी-एसटी की तरह अति पिछड़ा अत्याचार निवारण कानून बनाने के वादे किए गए।
अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र में महागठबंधन ने किए 10 वादे-
- अति पिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम पारित किया जाएगा
- अति पिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में मौजूदा 20 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जाएगा
- आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा
- नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में “नॉट फाउंड सूटेबल” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा
- अति पिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (अंडर- ओर ओवर-इंक्लूजन) से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा
- अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डिसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डिसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जाएगी
- यूपीए सरकार द्वारा पारित ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अति पिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा
- 25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों/आपूर्ति कार्यों में अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा
- संविधान की धारा 15 (5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा
- आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा।
राहुल गांधी ने कही ये बड़ी बात
राहुल गांधी ने एक फिर दोहराया कि देश में जातिगत जनगणना होगी और वो आरक्षण में 50 प्रतिशत की दीवार को तोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इन वादों के पीछे सोच थी कि आज भी देश में अतिपिछड़ा, पिछड़ा, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्गों को जितनी भागीदारी मिलनी चाहिए, वो नहीं मिलती है। हम जातिगत जनगणना कर दिखाना चाहते हैं कि देश में किसकी कितनी आबादी है- ये पूरे देश को पता चलना चाहिए। नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि 20 सालों से बिहार में वे सत्ता में हैं, तो जो वादे किए वो उन्होंने क्यों नहीं पूरे किए।
भाजपा पर बरसे तेजस्वी यादव
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि 17 महीने की महागठबंधन की सरकार में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 70 प्रतिशत की गई थी। केंद्र सरकार को तमिलनाडु की तर्ज पर 9वीं अनुसूची में डालने का प्रस्ताव भेजा गया था। मगर यह मांग नहीं सुनी गई। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आरक्षण चोर बताया। तेजस्वी ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग पहले कर्पूरी ठाकुर को गालियां देते थे, जिन्होंने पहली बार समाज को आरक्षण दिया था।
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