बिहार कैबिनेट की पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग आदि का आरक्षण 65 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी |

बिहार कैबिनेट की पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग आदि का आरक्षण 65 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी

बिहार कैबिनेट की पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग आदि का आरक्षण 65 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी

बिहार कैबिनेट की पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग आदि का आरक्षण 65 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी
Modified Date: November 8, 2023 / 12:08 am IST
Published Date: November 8, 2023 12:08 am IST

पटना, सात नवंबर (भाषा) बिहार विधानमंडल में जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने मंगलवार को पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए राज्य में आरक्षण 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया।

बिहार विधानमंडल के चालू सत्र के दौरान इस पर सदन में विधेयक लाया जाएगा।

यह घटनाक्रम तब हुआ जब मुख्यमंत्री ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी), साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर चर्चा के बाद अपने संबोधन के दौरान उक्त बयान दिया।

मुख्यमंत्री ने सदन में प्रस्ताव रखा कि सर्वेक्षण के मुताबिक एससी जो आबादी का 19.7 प्रतिशत है, को 20 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए जो मौजूदा 16 प्रतिशत से अधिक है। एसटी, जिनकी जनसंख्या में हिस्सेदारी 1.7 प्रतिशत है, का आरक्षण एक प्रतिशत से दोगुना कर दो प्रतिशत किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ओबीसी जो आबादी का 27 प्रतिशत है और उन्हें 12 प्रतिशत आरक्षण मिलता है जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) जो कि आबादी का 36 प्रतिशत हैं, उन्हें 18 प्रतिशत आरक्षण मिलता है।

नीतीश ने प्रस्ताव रखा कि दोनों समुदायों को एक साथ 43 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। इन बढ़ोतरी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण शामिल नहीं है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि ईडब्ल्यूएस कोटा के साथ बिहार का प्रस्तावित आरक्षण 75 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।

भाषा अनवर शोभना

शोभना

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