Asha Worker Salary: सरकार ने बढ़ाई इन लोगों की सैलरी! अब हर महीने खाते में आएंगे इतने रुपए, रक्षाबंधन से पहले एक और बड़ा तोहफा

सरकार ने बढ़ाई इन लोगों की सैलरी! अब हर महीने खाते में आएंगे इतने रुपए, Government has increased salary of ASHA workers by 2000 RS

Asha Worker Salary: सरकार ने बढ़ाई इन लोगों की सैलरी! अब हर महीने खाते में आएंगे इतने रुपए, रक्षाबंधन से पहले एक और बड़ा तोहफा

Scholarship Money Increased. Image Source-IBC24

Modified Date: July 30, 2025 / 04:01 pm IST
Published Date: July 30, 2025 3:18 pm IST
HIGHLIGHTS
  • आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,000 प्रति माह कर दी गई है।
  • ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव अब ₹600 की प्रोत्साहन राशि मिलेगी, पहले ₹300 मिलती थी।
  • तेजस्वी यादव ने दावा किया कि यह निर्णय उनकी पहल की नकल है और सरकार पर चुनावी मजबूरी का असर है।

पटना: Asha Worker Salary:  बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में आशा कार्यकर्ताओं को एक हजार रुपये के बजाय अब तीन हजार रुपये प्रति माह प्रोत्साहन राशि दिए जाने की बुधवार को घोषणा की। उन्होंने ‘ममता’ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए प्रति प्रसव 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि को भी दोगुना करके 600 रुपये करने की भी जानकारी दी। कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से हम लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए व्यापक स्तर पर काम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आशा तथा ममता कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’

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Asha Worker Salary:  उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को अब ‘‘1,000 रुपये के बजाय 3,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि ’’ प्रदान की जाएगी। साथ ही ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव अब 300 रुपये के बजाय 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ इससे उनका मनोबल बढ़ेगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में ‘आशा’ और ‘ममता’ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

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मुख्यमंत्री की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपने 17 महीने के कार्यकाल के दौरान ‘आशा’ और ‘ममता’ कार्यकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 17 महीने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी जो अंतिम ‘चरण’ में थी लेकिन तब तक सरकार और मुख्यमंत्री आदतन पलटी मार गए।’’ यादव ने कहा, ‘‘ये निकम्मी एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार उस पर भी दो साल से कुंडली मार कर बैठी रही। अब आखिरकार इन्हें आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की हमारी इस मांग के सामने झुकना ही पड़ा।’’ उन्होंने दावा किया कि सरकार ने राजद की मांग को पूरी तरह से लागू नहीं किया है।

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राजद नेता ने कहा, ‘‘अब इस सरकार को आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका और रसोइया के मानदेय में बढ़ोतरी करने की हमारी मांग को भी मजबूरन मानना ही पड़ेगा। हमारे 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में ही हमने विकास मित्र, शिक्षा मित्र/टोला सेवक, तालीमी मरकज़ और पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांगों, घोषणाओं, वादों, इरादों और दावों को देखकर इस नकलची, थकी-हारी, दृष्टिहीन और ‘विजन’ रहित सरकार का डर देखकर अच्छा लगता है।’’ यादव ने कहा, ‘‘ये डर अच्छा है लेकिन 20 साल तक क्या ये मूंगफली छील रहे थे? यही सरकार, इनके नेता-मंत्री और अधिकारी जो हमारी घोषणा का मखौल उड़ाते थे वो अब सत्ता जाते देख दौड़ रहे हैं। सब कुछ तेजस्वी की ही नकल करोगे या अपनी भी अक्ल लगाओगे?’’


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।