बिहार सरकार ने कई परियोजनाओं से जुड़े उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किए: कैग |

बिहार सरकार ने कई परियोजनाओं से जुड़े उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किए: कैग

बिहार सरकार ने कई परियोजनाओं से जुड़े उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किए: कैग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:10 AM IST, Published Date : March 31, 2022/12:23 am IST

पटना, 30 मार्च (भाषा) बिहार विधानसभा में बुधवार को पेश वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 से 2021 के दौरान कई विभागों की विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं से जुड़े 92,687 करोड़ रूपये के 3,880 से अधिक उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) मार्च 2021 तक प्रस्तुत नहीं किए गए हैं।

कैग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने उक्त अवधि के दौरान 35 राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को 20145.84 करोड़ रुपये बजटीय सहायता, ऋण और अनुदान और स्वीकृत देयता (गारंटी) प्रदान की, जिनके खाते 31 मार्च 2021 तक बकाया थे। इन सार्वजनिक उपक्रमों ने पिछले कई वर्षों से प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अपने खातों को अंतिम रूप नहीं दिया है।

कैग ने वित्त खातों पर प्रमाण पत्र देते समय अपनी ऑडिट टिप्पणियों में कहा कि सीएजी (डीपीसी) अधिनियम 1971 के तहत संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के खातों के प्रमाणीकरण के संबंध में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में वह असमर्थ है।

इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 के दौरान 608 यूसी की राशि 15911.62 करोड़ रूपये जो बकाया हो गए थे, बिहार सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता अनुदान के खिलाफ राज्य के निकायों और अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत नहीं किए गए।

इसके अतिरिक्त 76775.69 करोड़ रूपये के 3,278 यूसी की राशि भी 31 मार्च 2021 तक बकाया थी। इस प्रकार 92687.31 करोड़ रूपये के कुल 3886 यूसी 31 मार्च 2021 तक जमा करने थे।

कैग ने कहा कि यूसी का अधिक लंबित होना फंड के दुरुपयोग और धोखाधड़ी के जोखिम से भरा है।

भाषा अनवर

शफीक

शफीक

 

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