Food Poisoning Panna: फूड पॉइजनिंग या काला साया? खाना खाते ही घर में मची चीख-पुकार, अस्पताल के बजाय रातभर झाड़-फूंक के साये में तड़पती रही 5 जिंदगियां

Food Poisoning Panna: पन्ना जिले के जमुनिया गांव में अंधविश्वास ने एक परिवार की जान खतरे में डाल दी। फूड पॉइजनिंग से तड़पते पांच लोगों को पूरी रात झाड़-फूंक कराई गई, हालत बिगड़ने पर सभी को जिला अस्पताल रेफर किया गया।

Food Poisoning Panna: फूड पॉइजनिंग या काला साया? खाना खाते ही घर में मची चीख-पुकार, अस्पताल के बजाय रातभर झाड़-फूंक के साये में तड़पती रही 5 जिंदगियां

Food Poisoning Panna/ Image Source : IBC24


Reported By: Amit Khare,
Modified Date: December 21, 2025 / 08:32 pm IST
Published Date: December 21, 2025 6:54 pm IST
HIGHLIGHTS
  • फूड पॉइजनिंग से परिवार की हालत बिगड़ी
  • इलाज छोड़ पूरी रात झाड़-फूंक
  • पांचों जिला अस्पताल रेफर

Food Poisoning Panna पन्ना : मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से अंधविश्वास और लापरवाही की एक ऐसी खबर (Panna news)  सामने आई है, जिसने सबको हैरान कर दिया है। यहाँ एक ही परिवार के पांच सदस्य फूड पॉइजनिंग  के कारण मौत के मुँह में जाते-जाते बचे। हैरानी की बात यह है कि जब पूरा परिवार तड़प रहा था, तब इलाज के बजाय झाड़-फूंक का सहारा लिया गया।

पूरी घटना धरमपुर के जमुनिया गांव की है। मिली जानकारी के अनुसार, परिवार ने रात के भोजन में कुदवा की रोटी और चने की भाजी बनाई थी। खाना खाने के कुछ ही देर बाद राजकुमार, हरिराम, रिंकी, अनामिका और छोटे आदिवासी की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। सभी को तेज उल्टियां, दस्त और चक्कर आने शुरू हो गए।

इलाज के बजाय तांत्रिक का सहारा

Food Poisoning Panna चीख-पुकार मचने के बाद भी परिजनों ने आधुनिक चिकित्सा पर भरोसा करने के बजाय अंधविश्वास का रास्ता चुना। पीड़ित परिवार को अस्पताल ले जाने के स्थान पर पूरी रात घर पर ही तांत्रिकों से झाड़-फूंक करवाई गई। समय बीतता गया और मरीजों की हालत नाजुक होती गई। जब झाड़-फूंक से कोई सुधार नहीं हुआ और मरीजों की स्थिति बेकाबू हो गई, तब ग्रामीणों ने हस्तक्षेप किया। ग्रामीणों की मदद से आनन-फानन में सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुन्नौर में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच में इसे गंभीर फूड पॉइजनिंग बताया।

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पन्ना जिला अस्पताल रेफर

गुन्नौर में प्राथमिक उपचार देने के बाद, मरीजों की नाजुक स्थिति को देखते हुए उन्हें आज जिला अस्पताल पन्ना रेफर कर दिया गया है। फिलहाल, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनकी जान बचाने की जद्दोजहद में जुटी हुई है। यह घटना सबक है कि बीमारी में दुआ और झाड़फूंक नहीं, बल्कि सही समय पर डॉक्टरी इलाज ही जान बचा सकता है।

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