Patna News: शपथ लेते ही बिहार सरकार ने लिया बड़ा फैसला! ‘सनातन धर्म’ को बढ़ावा देने सभी जिलों में संयोजक होंगे नियुक्त

Patna News: बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद (बीएसआरटीसी) द्वारा 38 संयोजकों को नामित किया जाएगा, जो अपने-अपने क्षेत्रों में सभी पंजीकृत मंदिरों और मठों के मुख्य पुजारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगे।

Patna News: शपथ लेते ही बिहार सरकार ने लिया बड़ा फैसला! ‘सनातन धर्म’ को बढ़ावा देने सभी जिलों में संयोजक होंगे नियुक्त

Patna News, image source: ANI

Modified Date: November 23, 2025 / 06:27 pm IST
Published Date: November 23, 2025 5:51 pm IST
HIGHLIGHTS
  • परिषद में कुल 2,499 मंदिर और मठ पंजीकृत
  • सभी जिलों में संयोजकों को नामित करने का निर्णय
  • सनातन धर्म के महत्व को प्रचारित करने की आवश्यकता

पटना: Patna News, बिहार सरकार की पंजीकृत मंदिरों और मठों की गतिविधियों की निगरानी करने वाली एक परिषद ने राज्य भर में ‘सनातन धर्म’ के प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिलों में संयोजकों को नामित करने का निर्णय लिया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद (बीएसआरटीसी) द्वारा 38 संयोजकों को नामित किया जाएगा, जो अपने-अपने क्षेत्रों में सभी पंजीकृत मंदिरों और मठों के मुख्य पुजारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगे। परिषद में कुल 2,499 मंदिर और मठ पंजीकृत हैं।

Patna News, परिषद के अध्यक्ष रणबीर नंदन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “परिषद ने राज्य भर के पंजीकृत मंदिरों और मठों के साथ समन्वय कर ‘सनातन धर्म’ के प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिलों में संयोजकों को नामित करने का निर्णय लिया है।”

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परिषद में कुल 2,499 मंदिर और मठ पंजीकृत

उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एक संयोजक के चयन की प्रक्रिया एक-दो दिन में शुरू हो जाएगी और “संयोजकों का चयन केवल महंतों (मुख्य पुजारियों) में से ही किया जाएगा।” बिहार सरकार के विधि विभाग के अंतर्गत आने वाली यह परिषद राज्य में पंजीकृत मंदिरों, मठों और न्यासों की संपत्ति का रिकॉर्ड रखती है तथा उनकी गतिविधियों की निगरानी भी करती है।

उन्होंने कहा, “संयोजक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके संबंधित जिलों के सभी पंजीकृत मंदिर व मठ हर महीने क्रमश: पूर्णिमा और अमावस्या के दिन ‘सत्यनारायण कथा’ और ‘भगवती पूजा’ करें। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी पंजीकृत मंदिर और मठ इन दोनों पूजाओं के महत्व के बारे में जनता के बीच संदेश फैलाएं।”

नंदन ने कहा कि लोगों को हर महीने अपने घरों में ये पूजाएं करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, संयोजक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी पंजीकृत धार्मिक स्थल ‘अखाड़ों’ के लिए संस्कृति का अभ्यास करने के लिए एक समर्पित स्थान बनाएं।

सनातन धर्म के महत्व को प्रचारित करने की आवश्यकता

परिषद के अध्यक्ष ने कहा, “हमारा मानना ​​है कि मंदिरों व मठों को सामाजिक गतिविधियां और सामाजिक सुधार के उपाय भी करने चाहिए। हमारे त्योहारों, विभिन्न पूजा, मूल्यों और सनातन धर्म के महत्व को प्रचारित करने की आवश्यकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि ये त्योहार ‘सद्भाव, भक्ति और सामुदायिक भागीदारी की जीवंत अभिव्यक्ति’ हैं।

नंदन ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार राज्य के सबसे बड़े त्योहार छठ पूजा को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कराने के लिए काम कर रही है। हमारे त्योहार भारत की संस्कृति को जीवित रखते हैं। छठ पूजा दिवाली के ठीक बाद आने वाला एक ऐसा ही त्योहार है। सूर्य देव को समर्पित यह महान त्योहार बेहद खास है।” उन्होंने बताया कि परिषद आने वाले महीनों में ‘सनातन धर्म’ के प्रचार-प्रसार पर राजगीर में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करने की भी तैयारी कर रही है।

परिषद के अध्यक्ष ने कहा, “हमने एक ‘धार्मिक’ कैलेंडर भी जारी करने का फैसला किया है, जिसमें ‘सनातन धर्म’ के सभी त्योहारों, विभिन्न पूजा और अन्य धार्मिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला जाएगा।” उन्होंने कहा कि ये कैलेंडर पंजीकृत मंदिरों और मठों के माध्यम से राज्य भर के लोगों में वितरित किए जाएंगे।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com