बिहार के मंत्री ने सूचना मीडिया को लीक करने वाले अधिकारियों की आलोचना की
बिहार के मंत्री ने सूचना मीडिया को लीक करने वाले अधिकारियों की आलोचना की
पटना, पांच जुलाई (भाषा) बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्र शेखर ने मीडिया में गोपनीय जानकारी लीक करने के लिए अपने विभाग के अधिकारियों की आलोचना करने के साथ ही ऐसे अधिकारियों को दंडित करने की बात की है।
मंत्री के कार्यालय ने अपने विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) को लिखे एक पत्र कहा है कि आधिकारिक पत्र और संचार उनके कार्यालय तक पहुंचने से पहले ही प्रेस में लीक हो जाते हैं।
मंत्री के निजी सचिव द्वारा विभाग के एसीएस को लिखे गए एक जुलाई की तिथि वाले पत्र में कहा गया है, ‘‘मंत्री ने हाल के घटनाक्रमों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है जिसमें यह देखा गया है कि विभाग से संबंधित बहुत सारी नकारात्मक खबरें मीडिया में आ रही हैं। आधिकारिक पत्र और विभागीय संचार मंत्री के कक्ष तक पहुंचने से पहले ही मीडिया में लीक हो जाते हैं। यह नियमों के खिलाफ है और विभाग को ऐसे अधिकारियों की पहचान करनी चाहिए और अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।’’
पत्र की एक प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ के भी पास है। उक्त पत्र में कहा गया है, ‘‘मंत्री ने यह भी गौर किया है कि अधिकारी कार्यालय समय के दौरान एक-दूसरे के साथ बातचीत करते समय अक्सर कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं, जिनमें से कुछ आपत्तिजनक हैं। यहां तक कि विभाग से संबंधित जिन मुद्दों पर बंद कमरे की बैठकों में चर्चा की जाती है, वे भी मीडिया को लीक हो जाते हैं। लोक सेवकों के ये कृत्य बेहद अनुचित हैं। इससे विभाग के साथ-साथ सरकार की छवि भी खराब हो सकती है। लोक सेवकों द्वारा इस तरह की गतिविधियों में शामिल होना बिहार सरकारी सेवक आचरण नियम, 1976 के खिलाफ है।’
पत्र में कहा गया है, ‘‘कुछ निहित स्वार्थों के लिए जानबूझकर मीडिया में समाचार लीक करने के बजाय, विभाग के नामित अधिकारियों को इसे राज्य सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी) के माध्यम से साझा करना चाहिए। आईपीआरडी विभाग का काम सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों, योजनाओं और उपलब्धियों का जन जागरूकता के लिए प्रभावी ढंग से प्रसार और प्रचार करना है।’’
मंत्री चंद्र शेखर से इस संबंध में उनकी टिप्पणी के लिए सम्पर्क करने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
भाषा अनवर अमित
अमित

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