Bihar Politics: कांग्रेस का बड़ा एक्शन, एक साथ 7 नेताओं को किया निष्कासित, इस वजह से गिरी गाज

कांग्रेस का बड़ा एक्शन, एक साथ 7 नेताओं को किया निष्कासित, Bihar Politics: Seven Congress leaders expelled for six years for indulging in anti-party activities

Bihar Politics: कांग्रेस का बड़ा एक्शन, एक साथ 7 नेताओं को किया निष्कासित, इस वजह से गिरी गाज

Bihar Politics. Image Source-IBC24 Archive

Modified Date: November 25, 2025 / 12:02 am IST
Published Date: November 24, 2025 8:48 pm IST

पटना: Bihar Politics: कांग्रेस की बिहार इकाई ने पार्टी-विरोधी गतिविधियों और संगठनात्मक अनुशासन के उल्लंघन के आरोप में सात नेताओं को सोमवार को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। बिहार कांग्रेस प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संबंधित नेताओं से प्राप्त स्पष्टीकरण समिति को संतोषजनक नहीं लगे। आदेश में कहा गया कि कांग्रेस सेवा दल के पूर्व उपाध्यक्ष आदित्य पासवान, कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष शकीलुर रहमान, कांग्रेस की किसान शाखा के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार शर्मा, युवा कांग्रेस की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार राजन, पार्टी के अति पिछड़ा विभाग के पूर्व अध्यक्ष कुंदन गुप्ता, कांग्रेस की बांका जिला कमेटी की अध्यक्ष कंचना कुमारी और नालंदा जिले के रवि गोल्डेन को पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित जाता है।

Bihar Politics: समिति ने कहा कि इन नेताओं की गतिविधियां पार्टी अनुशासन उल्लंघन के पांच मानकों में से तीन के अंतर्गत स्पष्ट रूप से आती हैं। इसने बताया कि ये नेता लगातार पार्टी मंचों से बाहर कांग्रेस के कार्यक्रमों और निर्णयों के खिलाफ बयान दे रहे थे और सक्षम अधिकारियों के निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना कर रहे थे। समिति ने कहा कि ‘प्रिंट’ और सोशल मीडिया में टिकटों की खरीद-फरोख्त जैसे निराधार और भ्रामक आरोप लगाकर उन्होंने पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया। अनुशासन समिति ने स्पष्ट किया कि जिन मुद्दों को उठाकर दुष्प्रचार किया गया, उन पर पार्टी ने पूरी पारदर्शिता अपनाई थी। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, जनसंपर्क कार्यक्रम, प्रदेश चुनाव समिति की बैठकें और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा विस्तृत समीक्षा के बाद अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा की गई थी।

इसके बावजूद संबंधित नेताओं के आचरण से कांग्रेस की प्रदेश कमेटी, पर्यवेक्षकों, चुनाव समितियों और एआईसीसी के निर्णयों की अवमानना हुई तथा संगठन के भीतर भ्रम की स्थिति पैदा करने का प्रयास किया गया। समिति ने यह भी जानकारी दी कि केंद्रीय पर्यवेक्षक अविनाश पांडेय की सहमति से विधानसभा पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद भी इन नेताओं का अनुशासनहीन रवैया जारी रहा।

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