जातिगत गणना: तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख आरक्षण नीतियों की व्यापक समीक्षा का आग्रह किया

जातिगत गणना: तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख आरक्षण नीतियों की व्यापक समीक्षा का आग्रह किया

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  • Publish Date - May 3, 2025 / 03:40 PM IST,
    Updated On - May 3, 2025 / 03:40 PM IST

पटना, तीन मई (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ‘‘सामाजिक सुरक्षा और आरक्षण नीतियों की व्यापक समीक्षा’’ की जाए।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता यादव ने शनिवार को ‘एक्स’ पर यह पत्र साझा किया। यह पत्र शुक्रवार को लिखा गया था।

पत्र में कहा गया है, ‘‘जातिगत गणना कराना सामाजिक न्याय की दिशा में लंबी यात्रा का पहला कदम मात्र है। जनगणना के आंकड़ों से सामाजिक सुरक्षा और आरक्षण नीतियों की व्यापक समीक्षा होनी चाहिए। आरक्षण पर मनमानी सीमा पर भी पुनर्विचार करना होगा।’’

इसमें कहा गया है कि आगामी परिसीमन प्रक्रिया में जनगणना द्वारा उजागर सामाजिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए तथा हाशिए पर पड़े समूहों के लिए आनुपातिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग और ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) के पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए विशेष प्रावधान होने चाहिए क्योंकि इन्हें निर्णय लेने वाले मंचों से व्यवस्थित रूप से बाहर रखा गया है।

तेजस्वी ने पत्र में लिखा, ‘‘ इसलिए, उन्हें राज्य विधानसभाओं और भारत की संसद में आनुपातिक प्रतिनिधित्व सिद्धांत के आधार पर विस्तारित किए जाने की आवश्यकता होगी।’

उन्होंने यह भी कहा कि जातिगत गणना कराने का निर्णय समानता की यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण साबित हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी आपकी सरकार अब एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी है।’

प्रधानमंत्री को सहयोग का आश्वासन देते हुए यादव ने लिखा, ‘मैं आपको वास्तविक सामाजिक परिवर्तन के लिए जनगणना के निष्कर्षों का उपयोग करने में रचनात्मक सहयोग का आश्वासन देता हूं।’

भाषा शोभना प्रशांत

प्रशांत