Bihar Politics: बिहार में आखिर चुनाव क्यों हार गया महागठबंधन? लंबे मंथन के बाद कांग्रेसियों ने ढूंढा ये चौकानें वाला कारण
बिहार में आखिर चुनाव क्यों हार गया महागठबंधन? Congress leaders in Bihar blame NDA's promises for their defeat
- चुनाव से पहले महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए जाने को कांग्रेस हार का कारण मानती है।
- शकील अहमद खान ने आयोग पर कार्रवाई न करने और राजग के इशारों पर चलने का आरोप लगाया।
पटना: Bihar Politics: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान ने सोमवार को दावा किया कि बिहार सरकार द्वारा एक योजना के तहत 10 लाख महिलाओं को 10,000 रुपए देने का निर्णय हाल में हुए विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार का मुख्य कारण रहा।उन्होंने इस धन अंतरण को “घूस” करार देते हुए सवाल उठाया कि आचार संहिता लागू होने के बाद कथित रूप से रकम बांटे जाने के बावजूद निर्वाचन आयोग ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
Bihar Politics: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने राज्य में सत्ता बरकरार रखी और कुल 243 सीट में से 202 पर जीत दर्ज की जबकि महागठबंधन केवल 41 सीट जीत पाया, जिनमें कांग्रेस की छह सीट शामिल हैं। खान ने कहा, “निर्वाचन आयोग को जवाब देना चाहिए कि वह राजग सरकार द्वारा महिलाओं को चुनाव पूर्व 10-10 हजार रुपये दिये जाने पर चुप क्यों रहा। यही रिश्वत हमारी हार का सबसे बड़ा कारण रही।” उन्होंने आयोग पर राजग के “इशारों” पर चलने का आरोप लगाते हुए कहा, “इतिहास इसे याद रखेगा। इन्हें (राजग और निर्वाचन आयोग) इसका जवाब देना होगा।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस टिप्पणी पर कि विधानसभा को “डिलीवरी पर, न कि ड्रामा पर” ध्यान देना चाहिए, कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ऐसा कैसे कह सकते हैं। उन्होंने कहा, “वे सरकार में हैं, वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी राजग की है। विपक्ष की जिम्मेदारी नहीं है।” चुनावी परिणामों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक के इतर पत्रकारों से बातचीत के दौरान खान ने यह बातें कहीं। यह बैठक कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष राजेश राम की अध्यक्षता में हुई, जिसमें जिलाध्यक्षों और पार्टी के विभिन्न विभागों व प्रकोष्ठों के प्रमुखों ने भाग लिया। कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी बैठक में मौजूद थे। खान ने आरोप लगाया कि महागठबंधन की हार “सरकारी मशीनरी द्वारा रची गई” थी।
टिकट वितरण में महिलाओं को “अपर्याप्त प्रतिनिधित्व” का हवाला देते हुए इस्तीफा देने वाली कांग्रेस की बिहार इकाई की महिला शाखा की पूर्व अध्यक्ष सरवत जहां फातिमा ने बैठक से पहले कहा, “33 प्रतिशत कोटे के प्रस्ताव के बावजूद केवल आठ प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए गए। ऐसे में मेरा नैतिक दायित्व था कि मैं पद छोड़ दूं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हार इसलिए भी हुई क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी। फातिमा ने राष्ट्रीय जनता दल ( राजद) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल के इस आरोप को खारिज कर दिया कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की हार हुई। उन्होंने कहा, “उन्हें पहले अपनी पार्टी पर ध्यान देना चाहिए। उनकी पार्टी की हार के लिए कौन जिम्मेदार है?” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि कांग्रेस की सीट पर राजद नेताओं को क्यों उतारा गया।
फातिमा ने कहा, “चुनाव में ‘फ्रेंडली फाइट’ जैसी कोई चीज नहीं होती। लड़ाई तो लड़ाई होती है। गठबंधन और लठबंधन साथ-साथ नहीं चल सकते।” पटना जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष शशि रंजन ने भी हार के लिए राजद को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “राजद नेता तेजस्वी यादव गठबंधन की हार के लिए जिम्मेदार हैं। राजद गठबंधन की बड़ी साझेदार थी, उसे जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
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