Bihar Chunav 2025: ‘छोटे सरकार’ की गिरफ्तारी… एनडीए या राजद किसका पलड़ा भारी, मोकामा में शुरू हुई सियासी हलचल
Bihar Chunav 2025: मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह को पुलिस ने बीती रात गिरफ्तार कर लिया है।
Bihar Chunav 2025/ Images Source: X Handle
- मोकामा के पूर्व विधायक और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
- दुलारचंद यादव की हत्या के नामजद आरोपी है अनंत सिंह।
- अनंत सिंह की गिरफ्तारी बाद से विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है।
Bihar Chunav 2025: पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि, मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह को पुलिस ने बीती रात गिरफ्तार कर लिया है। अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद मोकामा में हर तरफ चर्चा शुरू हो गई है। वहीं अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने न केवल एनडीए के रणनीतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है, बल्कि पूरे पटना जिले की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।
दुलारचंद यादव हत्या मामले में हुई अनंत सिंह की गिरफ्तारी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, जान सुराज पार्टी के नेता दुलारचंद यादव की हत्या मामले में पुलिस ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी की है। अनंत सिंह की गिरफ्तारती ऐसे समय में हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो और एनडीए का चुनावी प्रचार अभियान अपने चरम पर है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी एनडीए के लिए छवि संकट लेकर आई है। एनडीए लगातार राजद पर जंगलराज का आरोप लगाकर चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा था।
विपक्ष साध रहा सरकार पर निशाना
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बड़ा विपक्ष एक बार फिर से हमलावर हो गया है और सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इससे एनडीए का नैतिक व राजनीतिक संतुलन दोनों हिल गया है। दूसरी ओर, यादव बहुल इलाकों में यह गिरफ्तारी जातीय तनाव को और बढ़ा सकती है। दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर यादव समुदाय पहले से आक्रोशित है और अब यह गुस्सा एनडीए के खिलाफ वोट में तब्दील हो सकता है। वहीं, भूमिहार मतदाताओं में अनंत सिंह के प्रति सहानुभूति की लहर भी बनती दिख रही है, जिसका फायदा उन्हें और अन्य भूमिहार प्रत्याशियों को मिल सकता है।
एनडीए या राजद किसका पलड़ा भारी
वहीं, दूसरी तरफ ये भी माना जा रहा कि, अनंत सिंह की गिरफ्तारी महागठबंधन के लिए यही मौका है कि वह इस स्थिति का लाभ उठाकर यादव व अल्पसंख्यक समुदायों को पूरी तरह अपने पाले में समेट ले। हालांकि, यादव बहुल इलाकों में उतरे राजद के भूमिहार प्रत्याशी असमंजस की स्थिति में हैं। अब देखना यह है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी के से आने वाले समय में एनडीए या राजद किसका पलड़ा भारी होगा।

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