भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत के बल पर दुनिया को रास्ता दिखा सकता है: भागवत

भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत के बल पर दुनिया को रास्ता दिखा सकता है: भागवत

भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत के बल पर दुनिया को रास्ता दिखा सकता है: भागवत
Modified Date: March 6, 2025 / 11:46 pm IST
Published Date: March 6, 2025 11:46 pm IST

सुपौल, छह मार्च (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत के बल पर पूरी दुनिया को रास्ता दिखा सकता है।

आरएसएस के ‘‘सरसंघचालक’’ ने उत्तर बिहार के सुपौल जिले में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की।

भागवत ने कहा, ‘‘हमारी सभ्यता प्राचीन है। भारत, मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है जो पूरी दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है।’’

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उन्होंने कहा कि आरएसएस की शैक्षणिक शाखा विद्या भारती तथा ज्ञान और संस्कार प्रदान करने के लिए समर्पित है और उन्होंने अभिभावकों से बड़ी संख्या में अपने बच्चों को संगठन द्वारा संचालित स्कूलों में दाखिला दिलाने का आग्रह किया।

भागवत ने बिहार के साथ अपने जुड़ाव के बारे में भी बात की और क्षेत्रीय प्रचारक के रूप में बहुत पहले राज्य में बिताए छह साल के कार्यकाल को याद किया।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैं बिहार आता हूं, तो मुझे कई जगहों पर जाने का मन होता है, लेकिन समय की कमी के कारण मैं ऐसा कभी नहीं कर पाता।’’

भागवत ने राज्य के लोगों की भी प्रशंसा की और कहा, ‘‘बिहारवासी समर्पण, कड़ी मेहनत और पुरुषार्थ के प्रतीक हैं’’।

उन्होंने बिहार के गया जिले के चर्चित रहे दशरथ मांझी का उदाहरण दिया, जिन्होंने सालों तक पहाड़ को काटकर एक रास्ता बनाया था।

इस समारोह में अन्य लोगों के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के मंत्री नीरज सिंह बबलू भी शामिल हुए।

भाषा अनवर खारी

खारी


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