पटना, 29 मई (भाषा) जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश पर पार्टी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार किये जाने के बावजूद उसमें हिस्सा लेने को लेकर सोमवार को निशाना साधा।
इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू पर एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति पर निशाना साध कर लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
नीरज कुमार ने पत्रकार से नेता बने हरिवंश के नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने की निंदा करते हुए कहा, ‘‘पत्रकारिता में आपके योगदान के लिए पार्टी ने आपको राज्यसभा भेजा था। हालांकि जब लोकतंत्र कलंकित हो रहा था, आपने अपने पद के लिए बौद्धिकता के जमीर को बेच दिया।’’
जदयू के वरिष्ठ नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा समारोह के बहिष्कार की ओर इशारा करते हुए नीरज ने कहा, ‘‘जब पार्टी और नेतृत्व ने तय कर दिया था और आपके सभापति (राज्यसभा) कार्यक्रम में नहीं गये तथा जब लोकतंत्र का काला अध्याय लिखा जा रहा था, आपके द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज कराया जाना चिंता और चिंतन का विषय है।’’
जदयू के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को तय करना है कि पार्टी के बहिष्कार का फैसला करने के बावजूद आपकी भागीदारी को ध्यान में रखते हुए क्या कार्रवाई की जाए।’’
उल्लेखनीय है कि भाजपा विरोधी 20 से अधिक दलों ने रविवार को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था। विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया था कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए।
हरिवंश 2018 से उपसभापति हैं और यह उनका दूसरा कार्यकाल है जो अगले साल समाप्त होगा।
जदयू ने पिछले साल भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोडकर महागठबंधन से हाथ मिलाया था जिसमें राजद, कांग्रेस और वाम दल शामिल हैं।
इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जदयू प्रवक्ता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया, ‘‘यह कोई और नहीं बल्कि नीतीश कुमार हैं जिन्हें अपना विवेक बेचने का दोषी ठहराया जा सकता है, जो कि उनके कई राजनीतिक दल-बदलू चेहरे से स्पष्ट है।’’
चौधरी ने कहा कि भाजपा, हरिवंश के साथ जदयू की दिक्कत को उस पार्टी के आंतरिक मामले के रूप में देखती है लेकिन संवैधानिक पद पर आसीन किसी व्यक्ति पर कटाक्ष लोकतंत्र की मर्यादा का अपमान है।
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