LJP Leader Resignation News: ‘सांसद जी अमर्यादित भाषा में हमसे बात करते हैं’, एक साथ 38 नेताओं ने दिया पार्टी से इस्तीफा, जिला अध्यक्ष और सांसद पर लगाए गंभीर आरोप
LJP Leader Resignation News: 'सांसद जी अमर्यादित भाषा में हमसे बात करते हैं', एक साथ 38 नेताओं ने दिया पार्टी से इस्तीफा, जिला अध्यक्ष और सांसद पर लगाए गंभीर आरोप
LJP Leader Resignation News: 'सांसद जी अमर्यादित भाषा में हमसे बात करते हैं', एक साथ 38 नेताओं ने दिया पार्टी से इस्तीफा / Image Source: ANI
- सांसद का अपमानजनक व्यवहार
- जिला अध्यक्ष की तानाशाही
- लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी
खगड़िया: LJP Leader Resignation News विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा की सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) पार्टी को शुक्रवार को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल पार्टी के तीन दर्जन से अधिक नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि विधानसभा चुनाव के आगाज से पहले ही चिराग पासवान को बिहार के नए सीएम के तौर पर देखा जा रहा है और ऐसे समय में नेताओं का इस्तीफा चिराग पासवान के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
LJP Leader Resignation News मिली जानकारी के अनुसार पार्टी ने हाल ही में खगड़िया के नए जिला अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया है। पार्टी ने मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह को खगड़िया का जिलाध्यक्ष बनाया है। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नाटा सिंह की कार्यशौली पंसद नहीं आ रही है, जिसके विरोध में एक बैठक का आयोजन किया गया था और यहीं 38 नेताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफा देने वाले नेताओं की मानें तो खगड़िया सांसद राजेश वर्मा के इशारे पर पार्टी में काम हो रहा है, जो मंजूर नहीं है। इस्तीफा देने वालों में पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव, प्रदेश महासचिव रतन पासवान, युवा जिलाध्यक्ष सुजीत पासवान सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। शिवराज यादव ने बताया कि सभी सात प्रखंड अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दिया है और इस संबंध में एक खुला पत्र भी जारी किया गया है।
लोक जनशक्ति पार्टी से इस्तीफा देने वाले नेताओं का आरोप है कि खगड़िया सांसद राजेश वर्मा के व्यवहार से पार्टी के सभी सदस्य नाराज हैं। सांसद की अमर्यादित भाषा के कारण सामूहिक इस्तीफे का निर्णय लिया गया है। सांसद राजेश वर्मा कार्यकर्ताओं का अपमान करते हैं। प्रदेश महासचिव रतन पासवान ने कहा कि सामूहिक इस्तीफे का मुख्य कारण खगड़िया सांसद और उनके प्रतिनिधि द्वारा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ किया गया अभद्र व्यवहार है।

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