जोहानिसबर्ग, 24 दिसंबर (भाषा) दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने भारत के हालिया दौरे के दौरान की गई टिप्पणियों के बारे में बात करते हुए कहा कि जसप्रीत बुमराह और ऋषभ पंत ने एक आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए माफी मांग ली थी।
उन्होंने साथ ही माना कि दक्षिण अफ्रीका के कोच शुकरी कॉनराड को ‘भारत को घुटने पर लाने’ जैसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए था।
दो टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच वाले इस दौरे पर दक्षिण अफ्रीका ने भारत में लंबे प्रारूप में 25 साल बाद जीत दर्ज की लेकिन फिर सफेद गेंद की श्रृंखला गंवा बैठा।
बावुमा ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ पर अपने कॉलम में लिखा, ‘‘मुझे पता है कि मेरे साथ एक घटना हुई थी जहां उन्होंने अपनी भाषा में मेरे बारे में कुछ कहा था। पर दिन के आखिर में दो सीनियर खिलाड़ी ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह आए और उन्होंने माफी मांग ली। ’’
उन्होंने कोलकाता में पहले टेस्ट के दौरान हुई घटना का जिक्र किया जिसमें बुमराह और पंत ने उन्हें उनके कद पर टिप्पणी करते हुए ‘बौना’ कहा था। उन्होंने कहा, ‘‘जब माफी मांगी गई तो मुझे नहीं पता था कि यह किस बारे में था। मैंने उस समय इसे नहीं सुना था और मुझे इसके बारे में अपने मीडिया मैनेजर से बात करनी पड़ी। ’’
बावुमा ने कहा, ‘‘जो मैदान पर होता है, वह मैदान पर ही रहता है, लेकिन आप यह नहीं भूलते कि क्या कहा गया था। आप इसे प्रेरणा के रूप में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कोई दुश्मनी नहीं है। ’’
उन्होंने फिर गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट के दौरान कॉनराड की टिप्पणी के बारे में बात की जिसमें कोच ने कहा था कि मेहमान टीम भारतीय टीम को घुटने के बल लाना चाहती है।
कॉनराड ने बाद में माफी मांगी और बावुमा ने कहा कि उन्हें भी लगा कि उनके कोच को बेहतर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए था।
उन्होंने कहा, ‘‘शुकरी को भी अपनी टिप्पणी के लिए आलोचना झेलनी पड़ी। मुझ पर मीडिया से काफी दबाव था और मुझसे टिप्पणियों को स्पष्ट करने के लिए पूछा जा रहा था। मुझे लगा कि शुकरी ही वह व्यक्ति थे जो इन सब बातों का संदर्भ देने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में थे। ’’
बावुमा ने कहा, ‘‘जब मैंने पहली बार इसके बारे में सुना तो मुझे यह अच्छा नहीं लगा। लेकिन इसने मुझे बस यह याद दिलाया कि टेस्ट श्रृंखला कितनी मुश्किल और प्रतिस्पर्धी थी। और टीम के कुछ खिलाड़ियों के लिए इसका क्या मतलब था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुकरी ने वनडे श्रृंखला के बाद बात की और उस मुद्दे को खत्म कर दिया। बाद में उन्होंने कहा कि वह बेहतर शब्द चुन सकते थे और मैं उनसे सहमत था। ’’
भाषा नमिता मोना
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