Patna News: बिहार के 48 लाख लोग नहीं कर पाएंगे वोट…SIR के बाद बिहार की मतदाता सूची जारी, इतने करोड़ मतदाता चुनेंगे नई सरकार…
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के तहत 30 सितंबर 2025 को निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी गई है।
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- 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी
- कुल 7.41 करोड़ मतदाता सूची में दर्ज
- 18–19 वर्ष के 14 लाख नए युवा मतदाता शामिल
Patna News: पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के तहत 30 सितंबर 2025 को निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी गई है। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रक्रिया के बाद जारी की गई इस सूची में राज्य के सात करोड़ 41 लाख 92 हजार 357 योग्य मतदाताओं के नाम शामिल हैं।
सूची में इतने नए मतदाता
इस बार की सूची में 3.92 करोड़ पुरुष, 3.49 करोड़ महिलाएं और 1725 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। विशेष वर्ग की बात करें तो 85 वर्ष से अधिक उम्र के 4,03,985 वरिष्ठ नागरिक, 7,20,709 दिव्यांग मतदाता, और 18-19 वर्ष के 14,01,150 नए युवा मतदाता पहली बार सूची में दर्ज किए गए हैं, जो उत्साहजनक संकेत है।
यह नई बात आई सामने
गौरतलब है कि 24 जून 2025 को प्रकाशित सूची की तुलना में 47.77 लाख मतदाताओं की संख्या में कमी दर्ज की गई है। वहीं, ड्राफ्ट सूची की तुलना में 17.86 लाख मतदाता अधिक हो गए हैं। विशेष पुनरीक्षण के दौरान कुल 69,30,817 नाम हटाए गए, जिनमें 22.34 लाख मृत मतदाता, 6.85 लाख दोहराए गए नाम और 36.44 लाख स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता शामिल हैं।
एसआइआर प्रक्रिया की शुरुआत से पहले, बिहार की मतदाता सूची में कुल 7.89 करोड़ मतदाता दर्ज थे। अंतिम सूची में यह आंकड़ा घटकर 7.41 करोड़ हो गया है, जो यह दर्शाता है कि निर्वाचन आयोग ने सूची को अधिक प्रामाणिक और साफ़ करने का प्रयास किया है।
एक अगस्त को जारी प्रारूप सूची में 7.24 करोड़ मतदाता थे। इसके बाद दावा-आपत्ति के आधार पर 3,66,742 नाम हटाए गए और 21,53,343 नए मतदाता जोड़े गए। इन आंकड़ों से साफ है कि आयोग ने व्यापक स्तर पर पुनरीक्षण कर सूची को अद्यतन किया है।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद चुनाव आयोग अक्टूबर में पटना का दौरा करने वाला है, जिससे चुनावी तैयारियों की समीक्षा की जा सकेगी। राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए यह अंतिम मतदाता सूची निर्णायक भूमिका निभाएगी। नई सूची से यह भी संकेत मिलता है कि युवा वोटरों का रुझान बढ़ रहा है और पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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