प्रधानमंत्री मोदी ने पटना साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका, इसे ‘दिव्य अनुभूति’ बताया

प्रधानमंत्री मोदी ने पटना साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका, इसे ‘दिव्य अनुभूति’ बताया

प्रधानमंत्री मोदी ने पटना साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका, इसे ‘दिव्य अनुभूति’ बताया
Modified Date: November 3, 2025 / 12:16 am IST
Published Date: November 3, 2025 12:16 am IST

(तस्वीरों सहित)

पटना, दो नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार शाम पटना साहिब गुरुद्वारे में जाकर मत्था टेका और इसे ‘‘दिव्य अनुभूति’’ बताया।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के साथ मोदी केसरिया पगड़ी पहने तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब पहुंचे और मत्था टेका।

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मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह और उनकी पत्नी माता साहिब कौर की पादुकाएं ‘जोड़े साहिब’ के भी दर्शन किए, जिन्हें रविवार को दिल्ली से पटना साहिब गुरुद्वारे लाया गया था।

उन्होंने गुरुद्वारे के काउंटर से प्रसाद भी लिया और श्रद्धालुओं का अभिवादन करते हुए ‘जो बोले सो निहाल’ का उद्घोष किया।

मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘आज शाम तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में मत्था टेककर दिव्य अनुभूति हुई। सिख गुरुओं की महान शिक्षाएं पूरी मानवता को प्रेरित करती हैं।”

उन्होंने कहा कि पटना साहिब गुरुद्वारे का श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से गहरा नाता है, जिनका साहस और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता अत्यंत प्रेरणादायक हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘वे दिव्य गुरु चरण यात्रा के बाद पटना आए हैं, जिसमें जीवन के हर क्षेत्र के लोग शामिल हुए। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे पटना आएं और उनका दर्शन करें।”

‘जोड़े साहिब’ पिछले 300 साल से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के परिवार की देखरेख में थे और हाल में इन्हें दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति को सौंप दिया गया।

प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे।

इससे पहले, मोदी ने आरा और नवादा में राजग उम्मीदवारों के लिए चुनावी रैलियों को संबोधित किया। पटना में एक ‘रोडशो’ का नेतृत्व करने के बाद, वह गुरुद्वारे गये।

साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों का मुद्दा उठाते हुए मोदी ने आरा की रैली में कहा, ‘‘यह 1984 में लगभग इसी समय की बात है, 1-2 नवंबर को, जब दिल्ली में सिखों का नरसंहार हुआ था। जो लोग दोषी थे, उन्हें पार्टी द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। कांग्रेस इस नरसंहार के लिए कोई खेद नहीं जता रही है।’’

भाषा

खारी वैभव

वैभव


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