बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ प्रदर्शन

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ प्रदर्शन

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ प्रदर्शन
Modified Date: July 9, 2025 / 03:41 pm IST
Published Date: July 9, 2025 3:41 pm IST

(तस्वीरों के साथ जारी)

पटना, नौ जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ बुधवार को राज्यभर में प्रदर्शन हुए, जिसके लिए राहुल गांधी सहित विपक्षी महागठबंधन के शीर्ष नेता राज्य की राजधानी में एकत्र हुए।

महागठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) का हिस्सा है। ‘इंडिया’ गठबंधन चार श्रम संहिताओं के विरोध में आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का समर्थन कर रहा है लेकिन बिहार में उसने एसआईआर के खिलाफ अपनी आपत्तियों को उजागर करने का विकल्प चुना है। उसका आरोप है कि यह प्रक्रिया विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले ‘‘बड़ी संख्या में मतदाताओं को मताधिकार से वंचित’’ कर देगी जिससे सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को ‘‘लाभ’’ होगा।

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गांधी के साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव एम ए बेबी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी शामिल हुए। यह विशाल रैली आयकर चौराहे से शुरू हुई।

इन नेताओं ने अपने-अपने दलों के कार्यकर्ताओं के विशाल जनसमूह के बीच एक खुले वाहन में सवार होकर लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर निर्वाचन आयोग के कार्यालय तक मार्च निकाला।

लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि उसमें भाजपा द्वारा नामित लोग शामिल हैं और वह जनता की नहीं बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी की सेवा कर रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग मतदाता सूची में छेड़छाड़ करके बिहार में महाराष्ट्र मॉडल को दोहराने की कोशिश कर रहा है।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की विधानसभा चुनावों में भारी जीत मतदाता सूची में कथित हेराफेरी के कारण हुई जबकि उसे कुछ महीने पहले ही लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था।

विरोध प्रदर्शन के दौरान शहर के किसी भी हिस्से से किसी हिंसक झड़प की खबर नहीं मिली लेकिन सचिवालय रेलवे हॉल्ट सहित कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात को अवरुद्ध करने के प्रयास किए गए।

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव सुबह सचिवालय रेलवे हॉल्ट पहुंचे। वह कांग्रेस के समर्थक है।

यादव ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने लोगों, खासकर दलितों और अन्य कमजोर वर्गों को उनके मताधिकार से वंचित करने की साजिश रची है।’’

यादव का निर्वाचन क्षेत्र सीमांचल क्षेत्र में आता है, जिसके बारे में भाजपा का आरोप है कि इस क्षेत्र में बांग्लादेश और म्यांमा से आए ‘‘अवैध प्रवासी’’ बड़ी संख्या में हैं और उन्हें ‘‘वोट बैंक’’ के कारण राजनीतिक दलों ने शरण दी है।

राज्य के कई हिस्सों में राजमार्गों पर जलते हुए टायर रखे गए, जिससे मुजफ्फरपुर, नवादा, अरवल, जहानाबाद और दरभंगा जैसे जिलों में यातायात बाधित हो गया। इनमें से कई जिलों में प्रदर्शनों का नेतृत्व राजद, कांग्रेस और तीनों वामपंथी दलों के स्थानीय विधायकों ने किया।

महात्मा गांधी सेतु पर भी भारी यातायात जाम देखा गया, जो गंगा नदी पर बना लगभग छह किलोमीटर लंबा पुल है। इस पुल पर सुबह जलते हुए टायर रखे गए थे जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा


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