बिहार में सभी पुलिस लाइन में खुलेंगे आवासीय विद्यालय: सम्राट चौधरी

बिहार में सभी पुलिस लाइन में खुलेंगे आवासीय विद्यालय: सम्राट चौधरी

  •  
  • Publish Date - December 19, 2025 / 07:27 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 07:27 PM IST

पटना, 19 दिसंबर (भाषा) बिहार में सभी 40 पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे, ताकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। यह घोषणा राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को की।

चौधरी पुलिस मुख्यालय स्थित सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान बिहार पुलिस सैलरी पैकेज योजना के तहत सेवा के दौरान विभिन्न कारणों से मृत 36 पुलिसकर्मियों के परिजनों के बीच बीमा राशि से संबंधित चेक का वितरण किया गया।

उपमुख्यमंत्री, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने संयुक्त रूप से चेक वितरित किए। इस अवसर पर कुल 25 करोड़ रुपये की राशि पीड़ित परिजनों के बीच वितरित की गई।

बिहार के गृहमंत्री चौधरी ने कहा कि पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण के दौरान उनके बच्चों की पढ़ाई सबसे बड़ी चिंता होती है। उन्होंने कहा कि पुलिस लाइन में आवासीय विद्यालय खुलने से इस समस्या का समाधान होगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की ड्यूटी आठ घंटे से अधिक की होती है और प्रदेश की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर होती है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए सरकार आवासन, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी से पहले पटना पुलिस लाइन की तर्ज पर राज्य की शेष 39 पुलिस लाइन में ‘जीविका दीदी की रसोई’ की सुविधा शुरू कर दी जाएगी, जिससे पुलिसकर्मियों को स्वच्छ भोजन मिल सके।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि होमगार्ड को भी सामान्य पुलिसकर्मियों की तरह बीमा योजना का लाभ देने पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए शीघ्र ही एक रूपरेखा तैयार की जाएगी।

उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा के माध्यम से मिलने वाली यह आर्थिक सहायता मृत पुलिसकर्मियों के परिजनों की क्षति की भरपाई तो नहीं कर सकती, लेकिन इससे उन्हें आर्थिक संबल अवश्य मिलेगा।

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार गंभीर है और मेडिकल उपचार से जुड़ी बीमा व्यवस्था को पूरी तरह कैशलेस करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर मंथन जारी है और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन 36 पुलिसकर्मियों के परिजनों को शुक्रवार को बीमा राशि दी गई, उनमें से 24 की मौत बीमारी के कारण हुई थी।

इस मौके पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने कहा कि पिछले 15 महीनों से अधिक समय से बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विशेष बीमा योजना संचालित की जा रही है। कुमार ने कहा कि अब तक इस योजना के तहत 90 पुलिसकर्मियों के परिजनों के बीच 43 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 30 मामले अभी लंबित हैं, जिनकी प्रक्रिया जारी है और उनका शीघ्र निस्तारण किया जाएगा।

डीजीपी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम हर महीने आयोजित करने की योजना है, ताकि पीड़ित पुलिसकर्मियों के परिजनों को समय पर लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि इस विशेष बीमा योजना के अंतर्गत आत्महत्या करने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को भी 20 लाख रुपये की बीमा राशि देने का प्रावधान है, जबकि पुलिस महकमे की ओर से दी जाने वाली आर्थिक सहायता में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन, अपर पुलिस महानिदेशक (कल्याण) डॉ. कमल किशोर सिंह, गृह सचिव प्रणव कुमार, संतोष कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

भाषा कैलाश अमित

अमित