तेजस्वी ने तेजप्रताप पर चुप्पी तोड़ी, सही समय पर उचित कदम उठाने की बात कही |

तेजस्वी ने तेजप्रताप पर चुप्पी तोड़ी, सही समय पर उचित कदम उठाने की बात कही

तेजस्वी ने तेजप्रताप पर चुप्पी तोड़ी, सही समय पर उचित कदम उठाने की बात कही

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 01:26 AM IST, Published Date : April 30, 2022/11:16 pm IST

पटना, 30 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव द्वारा पार्टी के एक कार्यकर्ता की कथित तौर पर पिटाई किए जाने से जुड़े विवाद पर शनिवार को चुप्पी तोड़ी और कहा कि ‘उपयुक्त समय पर, उचित कदम उठाया जाएगा।’

विधानसभा में विपक्ष के नेता ने गुस्सैल स्वभाव के अपने भाई द्वारा कई पत्रकारों को भेजे गए मानहानि के नोटिस को ‘व्यक्तिगत’ मामला बता कर खारिज कर दिया और कहा कि ‘‘जिन्होंने गलती नहीं की है, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।’’

राजद के संस्थापक लालू प्रसाद के छोटे बेटे पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

पार्टी के युवा मोर्चा की नगर इकाई के प्रमुख रामराज यादव द्वारा तेजप्रताप पर लगाए गए आरोपों के संबंध में सवाल करने पर तेजस्वी ने कहा, ‘‘हम फिलहाल सदस्यता अभियान में व्यस्त हैं। लेकिन जो भी लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है कि तेजस्वी यादव उपयुक्त समय पर उचित कदम उठाता है।’’

तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में अपने बड़े भाई और उनपर (तेजप्रताप पर) आरोप लगाने वाले रामराज से बात की है।

गौरतलब है कि रामराज का आरोप है कि लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पिछले सप्ताह आयोजित राजद की इफ्तार में तेजप्रताप ने रामराज की पिटाई कर दी थी।

रामराज का आरोप है कि तेजप्रताप और उनके गुर्गे उसे एक एकांत कमरे में ले गए, उसके कपड़े उतारे और उसकी पिटाई की, जबकि तेजप्रताप ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया।

हालांकि, तेजस्वी ने यह नहीं बताया कि दोनों पक्षों से बात करके वह किस नतीजे पर पहुंचे हैं और उन्होंने अपनी बातचीत के दौरान रामराज को ‘वह लड़का’ कह कर संबोधित किया।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री से जब नौ पत्रकारों को मानहानि का नोटिस भेजकर उनसे 50 करोड़ रुपये मांगने के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘यह निजी (तेजप्रताप का) मामला है। मेरे हिसाब से डरने की क्या बात है? अगर पत्रकारों ने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें निडर होकर नोटिस का जवाब भेजना चाहिए।’’

भाषा अर्पणा सुभाष

सुभाष

 

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