Tikait warns of 'farm strike' to press for MSP guarantee

MSP पर नहीं बना गारंटी कानून, तो फिर से होगी हड़ताल, टिकैत ने दी सरकार को चेतावनी

भारतीय किसान संघ के नेता टिकैत ने कहा, ‘‘मैं मंडियों की बहाली की मांग पर दबाव बनाने के लिए नीतीश कुमार से मिलने की कोशिश करूंगा। जब से इन्हें भंग किया गया है राज्य के किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और मोदी सरकार के नया कृषि कानून लाने पर इसको लेकर आशंकाएं अन्य राज्यों के किसानों को भी थी।’’

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:16 AM IST, Published Date : July 19, 2022/12:15 am IST

farm strike for MSP guarantee: पटना, 18 जुलाई। किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार द्वारा कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को पूरा नहीं करने पर ‘‘देशव्यापी कृषि हड़ताल’’ की चेतावनी दी। बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर आए टिकैत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ‘‘मंडियों’’ की व्यवस्था को बहाल करने के लिए भी कहा और राज्य में मजबूत किसान निकायों की अनुपस्थिति पर खेद व्यक्त किया।  〈 >>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<< 〉

भारतीय किसान संघ के नेता टिकैत ने कहा, ‘‘मैं मंडियों की बहाली की मांग पर दबाव बनाने के लिए नीतीश कुमार से मिलने की कोशिश करूंगा। जब से इन्हें भंग किया गया है राज्य के किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और मोदी सरकार के नया कृषि कानून लाने पर इसको लेकर आशंकाएं अन्य राज्यों के किसानों को भी थी।’’

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farm strike for MSP guarantee: उन्होंने यह भी दावा किया कि 2006 में कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम को खत्म करने से बिहार के किसानों को अपनी फसल औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।

टिकैत ने यह भी कहा कि किसानों को अब ‘‘हरी खाद’’ (प्राकृतिक उर्वरक) पर वापस जाने पर विचार करना चाहिए क्योंकि रासायनिक रूप से विकसित उर्वरक पर्यावरण के लिए खतरनाक और महंगे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर इससे उत्पादकता में गिरावट आती है तो ऐसा ही हो। सरकार एमएसपी गारंटी की हमारी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है क्योंकि वह जानती है कि किसान उत्पादन करना बंद नहीं करेंगे और बेचने के रास्ते तलाशेंगे।’’

सरकार को घुटनों पर ला देगा

टिकैत ने चेतावनी दी, ‘‘लेकिन सरकार को कोई गलतीफहमी नहीं पालनी चाहिए। जरूरत पड़ने पर देश के किसान कृषि हड़ताल पर चले जा सकते हैं जो कि सरकार को घुटनों पर ला देगा।’’

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टिकैत ने यह भी दावा किया कि राजग द्वारा उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल एक ‘‘किसान के बेटा’’ जगदीप धनखड़ का चयन राष्ट्रीय राजनीति पर दिल्ली के आसपास के किसानों के आंदोलन के प्रभाव का परिणाम है।

चुनावी राजनीति से दूर रहने वाले किसान नेता का यह भी विचार था कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू को सहयोगी भाजपा के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए।

टिकैत ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा शातिर है। यह नेहरू-गांधी परिवार को निशाना बना रही है और इसने शिवसेना जैसी पार्टियों को तोड़ दिया है।’’

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