Congress getting weak amid the flurry of electing Congress President

कांग्रेस अध्यक्ष चुनने की सुगबुगाहट के बीच कमजोर हो रही कांग्रेस? ’भारी मन’ से हाथ का साथ छोड़ रहे ‘G 23’ के नेता

कांग्रेस अध्यक्ष चुनने की सुगबुगाहट के बीच कमजोर हो रही कांग्रेस? ’भारी मन’ से हाथ का साथ छोड़ रहे 'G 23' के नेता

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : August 23, 2022/4:35 pm IST

नईदिल्ली। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है, इस बीच पार्टी की कमान किसे सौंपी जाए इसको लेकर अंदरखाने में चर्चाएं जारी हैं। गांधी परिवार के सदस्य को प्राथमिकता देते हुए इस बार पार्टी के अन्य नेताओं के नामों पर भी मंथन किए जाने की खबर है। इस मामले से जुड़ी अहम जानकारियां जो निकलकर सामने आ रही हैं उनके अनुसार ’भारी मन’ से नेता पार्टी के पदों से इस्तीफा दे रहे हैं और नेतृत्व पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर कई सवाल उठा रहे हैं। जाहिर है कि सबसे पुरनी पार्टी के आगे का रंग रूप कैसा होगा ये सवाल बना हुआ है।

बीते दो दिन पहले रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई के पद से इस्तीफ दे दिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने रविवार को कहा कि वे पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई की “संचालन समिति“ के प्रमुख के रूप में इस्तीफा दे रहे हैं। बीते दिनों पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई अनुभवी नेता गुलाम नबी आजाद ने भी ऐसा ही किया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया था, लेकिन आजाद ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

अध्यक्षता से भारी मन से इस्तीफा दिया

पार्टी पद से इस्तीफा देने के बाद आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, “ मैंने हिमाचल चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति की अध्यक्षता से भारी मन से इस्तीफा दिया है, लेकिन मैं आजीवन कांग्रेसी हूं और अपने विश्वास पर कायम हूं“। उन्होंने कहा, “ मेरे खून में दौड़ने वाली कांग्रेस की विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध, इसमें कोई शक नहीं है, हालांकि, एक स्वाभिमानी व्यक्ति के रूप में निरंतर बहिष्कार और अपमान को देखते हुए- मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था।“

पुराने दिनों को याद करते हुए आनंद शर्मा ने कहा, “ भारत के नेता पूर्व पीएम राजीवगांधी को शत शत नमन, जिन्होंने भारत की विकास गाथा को एक नई दिशा प्रदान की। एक ऐसे नेता जो भारत के लिए जीए और मरे, वे एक दूरदर्शी थे जिन्होंने एक आईटी महाशक्ति के रूप में भारत के परिवर्तन का नेतृत्व किया।“ आनंद ने कहा, “ एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसे उनके साथ काम करने का सौभाग्य मिला, मैं हमेशा अपने जुड़ाव की यादों को संजो कर रखूंगा। उनका आकर्षण, नम्रता और सबके साथ विनम्र व्यवहार वास्तव में प्यारा था, भारत उनकी स्मृति का आभारी और गौरवान्वित है।“

क्या कांग्रेस केवल गांधी परिवार तक ही सीमित

ट्वीट के अलावा उन्होंने पार्टी पद से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि क्या कांग्रेस केवल गांधी परिवार तक ही सीमित है? इसमें कई अन्य नेता भी हैं, कांग्रेस तो सब की पार्टी है, इससे इस्तीफा देने का कोई सवाल नहीं उठता, हम विद्रोही नहीं हैं।

इधर कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है, हालांकि तमाम अनुरोधों के बावजूद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दोबारा संभालने को लेकर रुख कोई स्पष्ट नहीं किया है। वहीं, सोनिया गांधी ने तबीयत का हवाला देते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद से उन्हें मुक्त करने की बात की है। यूपी चुनाव में प्रियंका के प्रदर्शन के बाद उनपर विश्वास जताना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। ऐसे में पार्टी के सामने इस बात की चुनौती है कि अध्यक्ष पर की जिम्मोदारी किसे सौंपी जाए?

21 अगस्त से 20 सितंबर तक चुनाव का प्रस्ताव

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 21 अगस्त से 20 सितंबर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कांग्रेस की चुनाव समिति ने प्रस्ताव दिया था। 21 अगस्त बीत जाने के बाद भी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव को लेकर कोई भी सुगबुगाहट नहीं होती दिख रही है। सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी से वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के दौरान अध्यक्ष की कमान लेने से मना कर दिया था माना जा रहा है राहुल गांधी के इस कदम के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हें मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

राहुल ने 2019 में इस्तीफा दे दिया था

गौरतलब है कि 2017 में राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे और 2019 लोकसभा चुनाव के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी थी। मधुसूदन मिस्त्री जो कि कांग्रेस के लिए बनाई गई चुनाव समिति के अध्यक्ष हैं उनके अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 21 अगस्त से 20 सितंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया जा चुका है अब कांग्रेस वर्किंग कमेटी को इसपर फैसला लेना है।

चुनाव में देरी की ये है बड़ी वजह

सूत्रों के अनुसार चुनाव में हो रही देरी की वजह राहुल गांधी का अध्यक्ष पद के लिए रुचि नहीं लेना भी एक वजह है और अगर राहुल गांधी दोबारा अध्यक्ष नही बनेंगे तो कई नाम चर्चा में हैं जिनपर विचार किया जा रहा है। अध्यक्ष पद के लिए मलिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, के सी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी और मुकुल वासनिक के नाम की भी चर्चा है। हालांकि कांग्रेस का एक धड़ा मानता है कि गांधी परिवार के बाहर का कोई व्यक्ति अगर अध्यक्ष बनेगा तो पार्टी बिखर जायेगी और कई सीनियर लीडर्स का मानना है कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं होते हैं तो लोकसभा चुनाव तक तो सोनिया गांधी को दुबारा अध्यक्ष बना दिया जाए।