2026 Vidhansabha seats will be increased in CG : आगामी परिसीमन 2026 में होगा। आशा की जा रही है कि इसमें छत्तीसगढ़ विधानसभा की सीटें बढ़ाई जाएंगी। इसका धारा 2021 की जनगणना को होना था, लेकिन कोरोना के चलते यह नहीं हो पाई। सेंसस की कैल्कुलेटिव रिपोर्ट के मुताबिक 2026 में छत्तीसगढ़ की कुल आबादी 3 करोड़ हो जाएगी। इनमें ढाई करोड़ मतदाता होंगे। यानि छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में औसत 2 लाख 77 हजार मतदाता और 3 लाख 33 हजार आबादी होगी। 2018 के मुताबिक छत्तीसगढ़ में प्रति विधानसभा आबादी 3 लाख 3 हजार और मतदाताओं की संख्या 2 लाख 5 हजार है। 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में प्रति लोकसभा जनसंख्या औसत 24 लाख 81 हजार है, जबकि मतदाताओं की संख्या 17 लाख 27 हजार है। 2026 में जब सीटें 11 से बढ़कर 17 हो जाएंगी तो मतदाता का औसत 14 लाख 21 हजार हो जाएगा। जबकि आबादी का औसत प्रति लोकसभा 17 लाख 64 हजार होगा। फिर भी मानक से यह ज्यादा ही होगा। ऐसे में विधानसभा में भी सीटें बढ़ाई जा सकती हैं। साल 1976 में 42वें संविधान संशोधन के जरिए लोकसभा और विधानसभा की सीटों की संख्या पर 2001 में होने वाली जनगणना तक रोक लगी दी गई थी। इसके पीछे तर्क यह था कि सीटें बढ़वाने के चक्कर में राज्य की इकाइयां जनसंख्या वृद्धि दर घटाने में मदद नहीं करेंगी। साल 2002 में फिर से 84वां संविधान संशोधन करके इस रोक को 2026 तक बढ़ाया गया था। अब यह अभी तक नहीं बढ़ाया गया है, इसलिए 2026 में संभावना है कि सीटें बढ़ाई जाएं।
2026 Vidhansabha seats will be increased in CG : सीटें बढ़ाने के मौलिक मापदंड तो आबादी को ही रखा जाता है, लेकिन भारत में इसमें एक महत्वपूर्ण ख्याल यह भी रखा जाता है कि कहीं कोई राज्य पूरी तरह से उपेक्षित तो नहीं हो जा रहा। इसलिए ही केरल जो छत्तीसगढ़ से तिगुना छोटा होकर भी 20 लोकसभा सीटों वाला राज्य है।
2026 में होने वाले परिसीमन के लिए 2021 की जनगणना आधार बनाई जाती, लेकिन यह जनगणना अभी तक नहीं हो पाई है। अगर यह 2024-25 में हो जाती है तो इसके आधार पर ही परिसीमन होगा। कैल्कुलेटिव आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ की जनसंख्या 3 करोड़ तक हो जाएगी, जिनमें ढाई करोड़ वोटर्स होंगे। ढाई करोड़ वोटर मौजूदा 90 सीटों के हिसाब से 2 लाख 6 हजार के औसत वाले हैं, यह 2026 में बढ़कर 2 लाख 77 हजार हो जाएंगे। स्टैंडर्ड के मुताबिक एक विधानसभा में डेढ़ लाख से अधिकतम 2 लाख वोटर्स होने चाहिए। अगर इसे 2 लाख वोटर्स के औसत पर भी लाना होगा तो ढाई करोड़ मतदाताओं के लिए छत्तीसगढ़ में 130 से 140 सीटें की जा सकती हैं। 130 सीटों की स्थिति में मतदाताओं का औसत 1 लाख 92 हजार और 140 की स्थिति में 1 लाख 78 हजार तक हो जाएगा। यह भी आदर्श स्थिति नहीं होगी, लेकिन मौजूदा से बेहतर होगा।
इसका मायना है कि परिसीमन आयोग छत्तीसगढ़ की आबादी, जरूरत, केंद्र में प्रतिनिधित्व और प्रतिनिधियों पर अतिरिक्त बोझ सब पर ध्यान दिया जाए तो सीटों की संख्या बढ़ाकर 130 से 140 करना होगी। फिलवक्त इसे लेकर कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं है, लेकिन परिसीमन की कवायद के नजदीक आते है एक स्टैंडर्ड बनाया जाएगा। निर्वाचन से जुड़े अफसरों के मुताबिक संभव है 2029 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव बढ़ी हुई सीटों के साथ हों।
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अब सवाल है कि कौन सी सीटें बढ़ेंगी। इसका जवाब बहुत कठिन है। क्योंकि यह तब के राजनीतिक, सामाजिक, जनसंख्या अनुपात पर निर्भर करेगा। जैसे कि जिले की जनसंख्या के आधार पर तय होगा कि वहां कितने सीटें बनाई जाएं और कौन सी बनाई जाएं। प्रदेशभर की आबादी का संतुलन बनाते हुए ऐसी सीटों को बनाया जाएगा जिनमें समान रूप से भौगोलिक और आबादी का प्रतिनिधित्व शामिल हो सके।
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5 days agoट्रूडो के डाडा की डूडी!
6 days agoउदयनिधि तुम तो DKबोस निकले!
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