Inspirational Story Of Friendship: अपने किसी करीबी के मौत पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होती हैं? खासकर तब जब मौत दुर्घटनावश या फिर लापरवाही से हुई हो। क्या हम इससे सबक लेते हैं? क्या हम देश समाज या अपने दुसरे करीबियों को ऐसे लापरवाही के खिलाफ जागरूक करते हैं? या फिर शोक व्यक्त कर अपने दिनचर्या में फिर से व्यस्त हो जाते हैं। हां शायद ऐसा ही हैं की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच हम ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज कर आगे बढ़ जाते हैं।
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लेकिन क्या ऐसा सभी के साथ होता हैं? कम से कम बिहार के इस शख्स के साथ तो ऐसा बिलकुल नहीं हैं जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इस शख्स से ज्यादा चर्चा इनके सरोकारी पहल की हैं और उतनी ही चर्चा उस पहल के पीछे की कहानी की।
Inspirational Story Of Friendship: दरअसल बिहार के पटना के रहने वाले राघवेंद्र कुमार का दावा बेहद हैरान कर देने वाला हैं। राघवेंद्र कुमार जितने आम शख्स हैं, समाज के लिए उनकी कोशिश उतनी ही खास हैं। राघवेंद्र कुमार दावा करते हैं की वह देशभर में घूम-घूमकर दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट बांटते है, वह भी मुफ्त में। राघवेंद्र कुमार बताते हैं की पिछले 9 सालो में देश के अलग-अलग 22 राज्यों में वह अबतक 59 हजार हेलमेट बाँट चुके हैं और यह सिलसिला अब भी जारी हैं।
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राघवेंद्र कुमार इस पहल के पीछे की प्रेरणा का जिक्र करते हुए बताते हैं की 2014 में उनके दोस्त की मौत एक सड़क हादसे में हो गई थी। दोस्त के मौत का राघवेंद्र कुमार पर ऐसा गहरा असर हुआ की उन्होंने बिना हेलमेट दोपहिया चालकों को हेलमेट बांटना शुरू कर दिया। राघवेंद्र सिंह यह भी दावा करते है की उनकी इस कोशिश से वे अब तक 30 लोगो की जान भी बचा चुके हैं। राघवेंद्र कुमार की यह कहानी जो कोई भी सुनता हैं उसका दिल भर आता हैं, वो उन्हें सलाम करते हैं और हर किसी के सलामती की दुआ भी करते है।
मैं पिछले 9 साल से हेलमेट बांट रहा हूं। मेरे दोस्त की मृत्यु 2014 में सड़क दुर्घटना में हुई थी जिसके बाद मैंने यह प्रण लिया कि किसी और की ऐसे मृत्यु न हो। मैंने भारत के 22 राज्यों में 56,000 से अधिक हेलमेट बांटे हैं जिसमें से 30 लोगों की जिंदगियों को बचाने में सफलता मिली: हेलमेट… pic.twitter.com/RkKMNbvklJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 6, 2023