बरुण सखाजी, राजनीतिक विश्लेषक
भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर उठापटक शुरू हो गई है। संभावना जताई जा रही है कि वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को ही विस्तार मिल जाएगा। इसे लेकर जनवरी में अहम बैठक होने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक जेपी नड्डा के कार्यकाल को आगे बढ़ाने को लेकर सहमति बन सकती है। लेकिन बाकी टीम बदली जाएगी।
पहली स्थिति यह है कि जेपी नड्डा ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रह सकते हैं। इसकी मुख्य वजह उनका प्रदर्शन बताया जा रहा है। हालांकि पार्टी में एक धड़ा उन्हें हिमाचल की हार का जिम्मेदार बताकर अस्वीकार भी कर रहा है, लेकिन पार्टी उनके ओवरऑल प्रदर्शन पर ही निर्णल लेगी। संघ के करीबी रहे नड्डा का हाल ही के दिनों में संवाद कम हुआ है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। यानि नड्डा अपने पद पर बरकरार रह तो सकते हैं, लेकिन उनके सामने दो बड़ी समस्याएं हैं। पहली तो वे संघ से अपनी नजदीकियों को बहाल करने में कामयाब हों, दूसरी 2024 में पार्टी की जीत को सुनिश्चत कर पाएं। मोदी सरकार के लिए 2024 चुनाव अहम है, ऐसे में वह पार्टी स्तर पर ऐसे किसी ने चेहरे पर दांव लगाने की बजाए नड्डा पर ही भरोसा जता सकता है। चूंकि नड्डा का प्रदर्शन कुल मिलाकर अच्छा रहा है।
चुनाव | संख्या | भाजपा जीती |
विधानसभा चुनाव | 14 राज्य | 7 जीती, 2 राज्यों में पलटी (एमपी-महाराष्ट्र) हो गए 9 लेकिन बिहार में उल्टी पलटी तो बचे 8 राज्य। |
विधानसभा उपचुनाव | 122 | अधिकतर बचाई, कुछ बढ़ाई |
लोकसभा आम चुनाव | 0 | 0 |
लोकसभा उपचुनाव | 8 | 3 जीती (2 नई) |
राज्यसभा निर्वाचन | 81 | 30 रिगेन (पहले 32 थी) |
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